नाबालिग का अपहरण व दुष्कर्म मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई यह सजा

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देहरादून। नेहरू कॉलोनी के चर्चित मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा। नाबालिग का अपहरण कर उससे दुष्कर्म करने वाले को स्पेशल फास्ट ट्रैक जज अनिरुद्ध भट्ट की कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर अलग अलग धाराओं में कुल 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से 15 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे।

शासकीय अधिवक्ता अरविंद कपिल ने बताया कि मामला नेहरू कॉलोनी थाने का है। यहां सात नवंबर 2017 को मूल रूप से बिजनौर उत्तर प्रदेश निवासी एक युवक ने अपनी बहन की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बाद में उन्होंने प्रशांत कुमार कश्यप पर अपहरण का आरोप लगाया। घटनाक्रम के अनुसार युवक की बहन सात नवंबर को देहरादून से अपने नजीबाबाद के लिए चली थी। लेकिन, शाम तक भी वह घर नहीं पहुंची तो चिंतित परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। इस आधार पर जांच करते हुए पुलिस ने प्रशांत कश्यप को हरिद्वार के एक मकान से गिरफ्तार कर नाबालिग लड़की को मुक्त कराया।

पीड़िता ने पुलिस और फिर बाद में कोर्ट में बयान दिए कि प्रशांत उसे एक दिन पहले फोन कर रहा था। लेकिन, उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद जिस दिन वह घर आ रही थी तो उसने फोन कर हरिद्वार बस स्टैंड पर मिलने को कहा। प्रशांत उसे अपने मामा के घर ले गया। वहां पर उस दिन कोई नहीं था। यही मौका पाकर उसने पीड़िता से दुष्कर्म किया। इसके बाद कहने लगा कि पंजाब जाकर शादी कर लेंगे। लेकिन, इससे पहले ही नौ नवंबर 2017 को पुलिस ने उसे उसी घर से गिरफ्तार कर लिया।

एडवोकेट अरविंद कपिल ने बताया कि इस मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह प्रस्तुत किए गए। जबकि, एक दर्जन अधिक लिखित साक्ष्यों को अदालत के सामने रखा गया। इस पर अदालत ने अब उसे दुष्कर्म में 10 साल की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना, आईपीसी धारा 363 में पांच साल कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना और आईपीसी 366ए में पांच साल कैद व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।