कोविड केस होने लगे कम तो ओपीडी में जनरल मरीज बढ़े।

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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की
ओ.पी.डी. में बढ़ने लगी मरीजों की संख्या
 सुरक्षा के मद्देनजर कोविड व नॉन कोविड मरीजों के अलग-अलग भवनों में उपचार की व्यवस्था.
 कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी का दिखने लगा असर
 गर्भवती महिलाएं, बच्चों के टीकाकरण, सर्जरी प्रोसीजर सहित सभी ओ.पी.डी. में बढ़ने लगी है मरीजों की भीड़
 दंत प्रोसीजर, फिजियोथैरेपी जैसी सेवाओं के लिए भी आम दिनों की तरह आने लगे हैं मरीज


देहरादून। कोरोना संक्रमण के कम होते मामलों का असर दिखने लगा है. श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कोरोना की दूसरी लेहर के शीर्ष के दौरान सामान्य मरीजों की ओ.पी.डी. में कमी दर्ज हुई थी. धीरे धीरे स्थिति सामन्य हो रही है. इसी का असर है कि अस्पताल की ओ.पी.डी. में पिछले चार पांच दिनों में मरीजों की आमद ने रफ्तार पकड़ी है. सुरक्षा के मद्देनज़र श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कोविड व नाॅन कोविड मरीजों के लिए अलग अलग भवनों में उपचार की व्यवस्था की गई है। आम जन डाॅक्टरी परामर्श के लिए स्पेशलिस्ट व सुपरस्पेशलिस्ट श्रेणी के डाॅक्टरों की ओपीडी में परामर्श के लिए आ सकते हैं। यह जानकारी श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सक अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार धवन ने दी.
चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार धवन ने जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण के मामलों में आई कमी का असर दिखने लगा है. अस्पताल में आम दिनों की तरह मरीजों व उनके तीमारदारों की चहलकदमी बढ़ने लगी है। मरीज़ सामान्य सर्जरी के लिए भी आने लगे हैं। पिछले दिनों कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण अस्पताल के कई विभागों के मरीजों ने प्रोसीजर डेट्स आगे बढ़वा ली थी, गर्भवती महिलाओं द्वारा डॉक्टर से नियमित परामर्श के मामलों में भी कुछ कमी दर्ज की गई थी. बच्चों के टीकाकरण के लिए माता- पिता स्थिति के कुछ सामान्य होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब यह सुखद समाचार है कि कोरोना मामलों में कमी का असर दिखने लगा है. मरीज सामान्य दिनों की तरह श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ओ.पी.डी. में पहुंचने लगे हैं. उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में संक्रमण के मामले और कम हो जाएंगे और सामान्य जीवन काफी हद तक पटरी पर लौट आएगा.
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कोविड व नॉन कोविड मरीजों के लिए अलग अलग भवनों में उपचार की व्यवस्था है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऐसी व्यवस्था की गई है.स्वास्थ्य विभाग व सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीज सामन्य दिनों की तरह अस्पताल आ रहे हैं.
अब मरीज सामान्य दिनों की तरह मेडिसिन विभाग, स्त्री एवम् प्रसूति रोग विभाग, छाती एवम् श्वास रोग विभाग, शिशु एवम् बाल रोग विभाग, सर्जरी विभाग, नाक-कान-गला रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग, त्वचा रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग, मनोरोग विभाग, दंत रोग विभाग, त्वचा रोग विभाग, फिजियोथैरेपी, आई.वी.एफ., न्यूरो सर्जरी विभाग, न्यूरोलाॅजी, कार्डियोलाॅजी, सी.टी.वी.एस. व काॅर्डियक सर्जन, कैंसर रोग विभाग, ब्रेस्ट एण्ड एण्डोक्रीन सर्जरी, गैस्ट्रोइंट्रोलाॅजी, यूरोलाॅजी, नैफ्रोलाॅजी, प्लास्टिक सर्जरी, गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी सहित अस्पताल के सभी विभागों के स्पेशलिस्ट व सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टरों से परामर्श लेने के लिए पहुंच रहे हैं.