सिडकुल जांच में कसा शिकंजा

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आईजी रेंज ने जांचों को और विस्तार दिया समय सीमा तय

देहरादून सरकारी सिस्टम व नेताओं के गठजोड से चारागाह बनी राज्य की औधोगिक ईकाई सिडकुल में मलाई काट चुके अफसरों अभियंताओं की मुसीबत और भी बढने जा रही है। आईजी गढवाल ने आज गठित एसआईटी की ई समीक्षा करते हुये ये भी आदेश दिया है कि बन चुके निर्माणो में ये भी जांच कर तय किया जाए कि क्या निर्माण तय मानकों व जरूरी शर्तों को पूरा किया गया या नही। एसआईटी को जांच में तेजी लाने के लिये विधिक, आर्थिक,वित्त एक्सपर्ट आउटसोर्स करने के लिये पत्र भी शासन भेजा गया है। जनपद उधमसिंह नगर से 10 निर्माण कार्य को  सम्बन्धित जनपदों ( अल्मोड़ा पिथौरागढ़, नैनीताल) को जांच हेतु भेजा गया। उक्त प्रकरण को शीघ्रता से निस्तारित करने हेतु सम्बन्धित जांच अधिकारियों को इस क्रम में *प्रत्येक माह में कम से कम 02 जांचो का निस्तारण करने के लिये निर्देशित किया गया है। जिसकी प्रगति की समीक्षा प्रत्येक माह में आईजी अभिनव कुमार स्वयं करेंगें।

क्या है पूरा मामला

वर्ष 2012 से वर्ष 2017* के बीच सिडकुल द्वारा उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में निर्माण कार्य कराये गये जिसमें *मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम(UPRNN)* को ठेके दिये गये थे। उपरोक्त निर्माण कार्यों का ऑडिट कराये जाने पर घोर अनियमितता व सरकारी धन के दुरुपयोग, वेतन निर्धारण व विभिन्न पदो पर भर्ती सम्बन्धी अनियमितता करने के तथ्य प्रकाश में आये थे। जिनका उत्तराखण्ड शासन द्वारा संज्ञान लेते हुये 29 जनवरी 2019 को पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 का गठन किया गया। आपको बताते चलें इससे पूर्व बैठकें तक नही हो रही थी।