सिटी बस यूनियन ने दर्ज कराया विरोध।

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देहरादून एसटीए बैठक में 24 दिसंबर 2020 को संपन्न हुई उस बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के किराए में वृद्धि का फैसला लिया गया जो किराया सिटी बसों के किराए के समकक्ष ही है जिससे सिटी बसों के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा गया है यह कैसी विडंबना है इधर तो आरटीओ महोदय कहते हैं की इलेक्ट्रिक बसों के लिए कोई परमिट नहीं है तो फिर बिना परमिट के कैसे सिटी बसों के रूट मार्ग की तरह इलेक्ट्रिक बसों के भी रूट मार्ग तय कर किराया तय कर दिया गया
शासन को हम वाहन स्वामियों को भी है भेद बताना होगा कैसे एक करोड़ की इलेक्ट्रिक बस इतने कम किराए में कैसे लाभ में चल सकती है जिससे कि हम सभी कमर्शियल वाहन स्वामियों को भी फायदा पहुंच सके
स्मार्ट सिटी लिमिटेड अध्यक्ष आरटीए एवं अध्यक्ष एस टी ए को आपस में समन्वय स्थापित कर इलेक्ट्रिक बसों के लिए समय सारणी रूट मार्ग एवं एरिया नोटिफाइड करना चाहिए उसके साथ साथ इलेक्ट्रिक बसों के लिए एक निश्चित किराया तय होना चाहिए जिससे कि छोटे बड़े कमर्शियल वाहन स्वामी जैसे ऑटो थ्री व्हीलर टेंपो विक्रम टैक्सी इत्यादि जो देहरादून शहर में अपने वाहनों का संचालन कर रहे हैं उन्हें भी नुकसान न उठाना पड़े
हमने अपनी व्यथा अध्यक्ष ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के यहां दिनांक 24 दिसंबर 2020 की बैठक में अपने प्रत्यावेदन के साथ रख दी है
शासन हमारी मांगों में पर विचार कर हजारों लोगों की रोजी-रोटी को छीनने से बचा सकता है अन्यथा हमें मजबूरन सर्वप्रथम 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल कर चक्का जाम करने को विवश होना पड़ेगा उसके बाद अगली रणनीति में तय होने पर यह अनिश्चितकालीन भी हो सकता है आज की बैठक में ऑटो यूनियन के अध्यक्ष राम सिंह, विक्रम जन कल्याण समिति देहरादून के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, आईएसबीटी टैक्सी यूनियन के सचिव आशुतोष मंगवाई, जौली ग्रांट एयरपोर्ट टैक्सी चालक व मालिक समिति के अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भारती, टूर ट्रैवल ओनर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता भगवान सिंह पवार उपस्थित थे