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➡️ जब पुलिस विभाग एकजुट होकर काम करता है, तो हर चुनौती आसान हो जाती है! एसएसपी मणिकांत मिश्रा के कुशल निर्देशन में, ऊधमसिंहनगर पुलिस ने एक अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। पिथौरागढ़ से बिना बताए दिल्ली घूमने निकले 6 नाबालिग बच्चों को ऊधमसिंहनगर पुलिस ने सकुशल ढूंढ निकाला और उनके परिजनों तक पहुंचाया। ये सभी बच्चे आपस में रिश्तेदार हैं और पिथौरागढ़ शहर के ही अलग-अलग मोहल्लों में रहते हैं।
दो महीने की तैयारी, दिल्ली का सपना!
➡️ इन मासूमों के मन में दिल्ली घूमने का विचार पिछले दो महीनों से पल रहा था। उन्होंने बड़ी लगन से अपनी जेब खर्च से पैसे इकट्ठा किए थे ताकि वे अपनी इस योजना को पूरा कर सकें। छुट्टियों की शुरुआत होते ही, बिना किसी को बताए, वे अपने दिल्ली के सपने को पूरा करने के लिए घर से निकल पड़े।
पिथौरागढ़ पुलिस की तत्परता, ऊधमसिंहनगर पुलिस का सहयोग
➡️ बच्चों के अचानक गायब होने से परिजनों में हड़कंप मच गया। उन्होंने तुरंत कोतवाली पिथौरागढ़ में शिकायत दर्ज कराई। पिथौरागढ़ पुलिस ने बिना समय गंवाए तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने चंपावत, टनकपुर और ऊधमसिंहनगर पुलिस को बच्चों के लापता होने की सूचना दी और उनकी तलाश में सहयोग मांगा।
सूचना मिलते ही, ऊधमसिंहनगर पुलिस पूरी तरह से अलर्ट हो गई। विशेष रूप से खटीमा पुलिस ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया। उन्होंने दिल्ली की ओर जाने वाली सभी रोडवेज बसों पर सघन चेकिंग अभियान शुरू किया। पुलिस की यह तत्परता और सूझबूझ ही थी कि दिल्ली जा रही एक रोडवेज बस से इन सभी 6 बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया गया।
पुलिस टीम को सलाम: बेहतरीन समन्वय का बेजोड़ उदाहरण!
➡️ बच्चों की सुरक्षित बरामदगी के बाद, खटीमा पुलिस ने उनके परिजनों को तुरंत सूचना दी और सभी बच्चों को सुरक्षित उनके हवाले कर दिया। यह घटना उत्तराखंड पुलिस के विभिन्न जिलों के बीच बेहतरीन समन्वय, उनकी संवेदनशीलता और बच्चों की सुरक्षा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करती है।
➡️ इस पूरे ऑपरेशन में चौकी प्रभारी चकरपुर उ0नि0 विकास कुमार, हेड कांस्टेबल विद्या सागर, कांस्टेबल ईश पाल, और कांस्टेबल महेश रौंकली की जांबाज़ टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला और अपनी मुस्तैदी से इन बच्चों को ढूंढ निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।