ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल के मायने,अब डीएम कप्तान की तैयारी

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ अपर मुख्य सचिव सीएम,गृह आनंद वर्धन

देहरादून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश को हटाने के बाद कुछ देर से ही सही लेकिन ब्यूरोक्रेसी में एक बडा फेरबदल करते हुये साफ संदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री ने अनुभव व जनभावनाओं का भी इस तबादला सूची में खासा ख्याल रखा है। सूत्रों की मानें सचिवालय में ओवरहॉलिंग के बाद सीएम अब डीएम कप्तानों की कुंडली बांचने में जुटे है। मुख्यमंत्री ने सबसे बडा फैसला सचिव गृह नितेश झा को हटाने का किया है। जिसकी चारो ओर सराहना हो रही है स्वयं कई अफसर इस निर्णय को सराहनीय बता रहे है। इसके पीछे कई अहम कारण भी रहे है। पुलिस महकमे की फाइलों का गृह में जाकर डंप हो जाना। डीआईजी गढवाल रहते हुये अजय रौतेला की सरकारी स्कर्पियो से हुई डेढ करोड रूपये की चोरी मामले में कोई ठोस एक्शन न होना वजह माना जा रहा है। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे के मसले पर भी सरकार खासा संजीदा है। सूत्र बताते है कि पहले पुलिस महकमे के अफसरो के कारण ही ये मामला बिगडा जिसे बाद में गृह महकमा सही से टेकल नही कर सका। सोशल मीडिया से लेकर कई जगहों पर पुलिसकर्मियों का आक्रोश खुलकर दिखा। इसकी एक वजह नीतेश झा के जूनियर व सचिव रैंक को ही माना गया ज्बकि पुलिस महकमे में कई आईजी ही इनसे सीनियर रहे है। त्रिवेंद्र राज में आये झा तीरथ राज में भी बरकार रहे है। तीरथ की रूखसती की बडी वजह निर्णय न ले पाने व ब्यूरोक्रेसी के मामले में बेहद लचर निर्णय रहे है। सीनियर आईएएस आनंद वर्धन प्रमुख सचिव गृह रह चुके है। प्रमुख सचिव रहते हुये इन्होनो पुलिसकर्मियों के वेलफेयर से लेकर राज्य के कानून व्यवस्था के मसले पर निर्णय लेने में तनिक भी देर नही लगाई । सीएम के पास इन सारी बातों का इनपुट था लिहाजा वर्धन सीएम के एसीएस होने के साथ साथ अब गृह के टॉप बॉस बने है। सचिवालय से लेकर आम आदमी व कई अफसरो में एक चर्चा ये भी जोरों पर है कि आनंद वर्धन के गृह के टॉप बॉस बनने के बाद अघोषित तौर पर राज्य में जारी किसी के भी फोन लिसिनिंग पर लेने,सीडीआर निकलवाने लोकेशन चेक कराने जैसी प्रवृत्ति पर अब रोक लगना तय है।ऐसी हरकतों के हलांकि कोई प्रमाण नही है लेकिन अफसर खुलकर बडे दफ्तरों से लेकर सचिवालय में ऐसी हरकतों की चर्चा करते रहते है।

अब बात कल आई तबादला सूची की करें तो आईएएस अफसर अभिषेक रूहेला बाध्य प्रतीक्षा किये गये है। चर्चायें ये है कि उन्हे कोई अहम पोस्टिंग मिल सकती है। रूहेला सीडीओ टिहरी से हटने के बाद कुमाऊँ जाने से इंकार कर चुके थे फिलहाल वो एमडी ट्रांसपोर्ट थे जहाँ से उन्हे हटाय़ा गया है। सरकार ने आबकारी महकमे में ईमानदार व सरल स्वभाव के रणवीर सिंह चौहान की तैनाती कर स्पष्ट संकेत दे दिये है। जानकारो की मानें तो कल हुए तबादलो में सरकार ने उर्जा महकमे में दो बडे फेरबदल किये है इससे मंत्री हरक सिंह रावत खुश नही है। दरअसल पेंशन को लेकर बनाई गई कमेटी की सब कमेटी में तैनात आईएएस सौजन्या से हरक सिंह रावत पहले ही नाराज थे। अब उर्जा महकमे में सौजन्या पंहुच गई है। वहीं उर्जा महकमे में सूत्र बताते है कि विभागीय एमडी की तैयारी थी ऐसे में तेज तर्रार दीपक रावत की लैडिंग से भी हरक की चिंता बढ गई है।