पुलिस ट्रांसफर नीति-तबादलों का खाका हुआ तैयार।

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देहरादून राज्य पुलिस में 20 वर्षो के लंबे अंतराल के बाद वर्ष 2020 में आखिरकार पारदर्शी तबादला नीति आ गई।अब इस नीति के मुताबिक दरोगा इंस्पेक्टर के तबादले का समय भी निकट आ गया है।क्योकि मार्च माह को तबादला सीज़न माना गया है।मैदान में जमे दरोगाओं को पहाड़ भेजने व पहाड़ में तैनात दरोगाओं को मैदान के जिलो में मौका दिये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन ये इतना आसान नही दिखता। हालांकि इसका एक फार्मूला भी तैयार हो रहा है ।


मार्च माह में तबादला सीज़न के मुताबिक ही तबादले हुए तो चारधाम यात्रा सीज़न के साथ ही राज्य सरकार

की प्राथमिकता कुम्भ मेला का आयोजन भी सकुशल कराया जाना है। लिहाज़ा मैदानी जिलो में फोर्स की मांग व पहाड़ के जिलोमे पर्याप्त तैनाती कराई जानी है।राज्य पुलिस में कई ऐसे दरोगा इंस्पेक्टर है जिन्होंने पहाड़ की शक्ल भी नही देखी है वो मैदानी जिलो मे लगातार चार्ज पर भी बने हुए है। नई नीति के मुताबिक जिन्हें मैदानी जिलो में 8 वर्ष पूरे हो गए उन्हें पहाड़ जाना होगा।हालांकि इसमें कई ऐसे लोग भी शामिल है जिन्होने पहाड़ में भी पोस्टिंग काटी है। और मैदान में 8 साल भी पूरे होने जा रहे है 


व्यहारिक दिक्कत

नई नीति का यदि शत प्रतिशत पालन हुआ तो मौजूदा परस्थितियों के लिहाज़ से पहाड़ जाने वालों की संख्या पहाड से मैदान आने वालों की तुलना में करीब दो गुनी से अधिक हो रही है ऐसे में मैदानी जिलो में फोर्स की कमी हो जाएगी।कुमाऊ व गढ़वाल दोनों रेंज में ये स्थिति पैदा हो रही है। सूत्रों की माने तो गढ़वाल रेंज दफ्तर में तबादलो से पूर्व ऐसो की लिस्ट तैयार हो रही है जिन्हें 8 वर्ष से भी ज्यादा का समय जैसे 10 साल या 12 साल का समय हो गया 8 साल वालो से भी सबसे पहले इन्हें पहाड़ भेजने की तैयारी है। कुछ ऐसे नाम भी है जो सिर्फ मैदानी जिलो तक सीमित रहे है। तबादला सूची में सबसे पहले इन्हें ही पहाड़ भेजने की तैयारी की जा रही है। जिलो से सूची भी मंगवाई जा रही है। 


डीआईजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग ने बताया कि तबादले पारदर्शी होंगे नीति का पालन होगा ये विभागीय गोपनीय मामला है। किसी का अहित कतई नही होगा व्यहारिक पक्षो का भी ख्याल रखा जाएगा।