देहरादून चंपावत जिला प्रशासन ने भारत-नेपाल की बनबसा सीमा को शनिवार से आवागमन के लिए खोल दिया गया है। इस संबंध में डीएम विनीत तोमर की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। सीमा खुलने से अब दोनों देशों के नागरिकों के साथ ही पूर्णागिरि मेले में आने वाले श्रद्धालु भी बाबा सिद्धनाथ के दर्शन के लिए आ-जा सकेंगे, लेकिन उन्हें सीमा पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
हर व्यक्ति को एक क्यूआर कोड मिलेगा और कोविड की जांच अनिवार्य होगी। आदेश के अनुसार टनकपुर से लगी नेपाल सीमा भी आवागमन के लिए खोल दी गई है, लेकिन फिलहाल वहां जांच की व्यवस्था न होने से आवागमन शुरू कराने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है।
पिछले गुरुवार को बनबसा में हुई बैठक में व्यापारी नेताओं और मां पूर्णागिरि धाम मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने भारत-नेपाल सीमा खोलने की मांग की थी। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि सीमा सील होने से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए डीएम ने नेपाल से लगी जिले की सीमाओं को खोलने का आदेश जारी कर दिया है।
नेपाल की यात्रा के लिए नेपाल सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। इसके अनुसार, नेपाल जाने वाले भारतीय और अन्य देशों के नागरिकों को यात्रा के दौरान कैश एंड बेयरर की एडवाइजरी का पालन करना होगा। यात्रा के दौरान इन्हें पांच हजार नेपाली रुपये और पांच हजार अमेरिकी डॉलर ही रखने की अनुमति होगी।
इससे अधिक धनराशि होने पर नेपाल में प्रवेश के दौरान सरहद पर ही कैश एंड बेयरर निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट फॉर्म भरना होगा। अन्यथा पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई होगी। नेपाल के भैरहवा स्थित भंसार कार्यालय बेलहिया द्वारा नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है। भैरहवां भंसार सूचना अधिकारी तीर्थ पासवान ने बताया कि जल्द ही कस्टम कार्यालय पर इसके लिए अलग से डेस्क की स्थापना भी की जाएगी।