देहरादून–राज्य सरकार के मुखिया तीरथ रावत की सख्ती ने निजी अस्पतालों की मनमानी की हवा निकाल दी है। स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में जिन सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड-10 संक्रमण के उपचार के दौरान आयुष्मान कार्ड धारकों से धनराशि की मांग की गयी थी एसे 22 सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों से 99 लाभार्थियों को अतिथि तक लगभग रू० 46,43,124/- की धनराशि वापस करवायी गयी है।
इसी क्रम में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आज नीलकंठ मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल हल्द्वानी, नैनीताल द्वारा आयुष्मान कार्ड धारक रोगी श्री लीलाधर नैलवाल से अवैध रूप से प्राप्त की गई 3,75,000/- की धनराशि हॉस्पिटल से रिकवर किये जाने के निर्देश दिये हैं। इस उद्देश्य हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा निर्गत “Guidelines for Recoveries and other Actions Post Confirmation of Fraud and other Irregularities” के अन्तर्गत वसूली की जायेगी। नीलकंठ मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के रूपये 2,03,000/- के क्लेम्स लंबित हैं। इस धनराशि को हॉस्पिटल को प्राधिकरण द्वारा भुगतान नहीं किया जायेगा और इसे रिकवरी की कुल धनराशि के आशिक भुगतान हेतु समायोजित किया जायेगा। हॉस्पिटल से रिकवर की जाने हेतु शेष धनराशि रुपये 1,72,000/- के लिये हॉस्पिटल को आदेश किया गया है कि वह आदेश के 7 दिनों के अन्दर यह धनराशि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के बैंक एकाउंट में जमा करेगा ताकी प्राधिकरण द्वारा इसे लाभार्थी को प्राप्त कराया जा सके।