मेला आयोजन में खाकी हुई पास,अफसरो की मेहनत हुई सफल।

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पुलिस कर्मियों ने आईजी संजय गुंज्याल को कँधे पर उठा लिया

महाकुंभ के शाही स्नान के साथ ही मेला पुलिस व्यवस्था की अग्नि परीक्षा में पास हो गई। सोमवती अमावास्या पर देर रात 12 बजे से शुरू हुई उनकी ड्यूटी मेष संक्रांति के स्नान पर पूरी हुई। अखाड़ों का
स्नान हो जाने के बाद अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली।

आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल पूरे मेले को नियंत्रित करते रहे


महाकुंभ 2021 का सबसे बड़ा शाही स्नान (मेष संक्रांति) सकुशल संपन्न हो गया। इसके साथ ही पुलिस की सोमवती अमावस्या से शुरू हुई अग्निपरीक्षा पूरी हो गई। 60 घंटे तक पुलिस अफसर कंट्रोल रूम व मेला क्षेत्र में ही डटे रहे। स्नान को
सकुशल संपन्न कराने में सबसे बड़ी भूमिका रही अत्याधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम की। यहां तैनात अफसरों-कर्मचारियों की मेहनत का ही नतीजा रहा है कि इतने
बड़े आयोजन में किसी तरह की कोई अनहोनी नहीं हुई। वीडियो वाल पर मिलने वाले फीड पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम में 60 घंटे तक अफसर व कर्मचारी लगातार डटे रहे अत्याधुनिक कंट्रोल रूम
में अधिकारी व कर्मचारी सोमवती अमावस्या की रात 12 बजे से ही जुट गए थे। कमांड सेंटर प्रभारी मुकेश ठाकुर समेत कई अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की निगाहें लगातार कैमरों के फीडबैक पर ही टिकी रहीं। मेला व शहर क्षेत्र में 1200 से अधिक कैमरों के जरिए सेंटर में तैनात कर्मचारियों व अफसरों ने चप्पे-चप्पे पर नजर रखी। इसके साथ ही संचार व्यवस्था
को दुरुस्त बनाने के लिए ग्रिड भी बनाया
गया था।


मेष संक्रांति पर अखाड़ों के संतों का स्नान खत्म होते ही मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, एसएसपी कुंभ जन्मजेय खंडूरी, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरबीर सिंह समेत मेला पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने गंगा में डुबकी लगाई। वहीं बुधवार को शाम पांच बजे ही अखाड़ों के संतों के स्नान पूरा होने का महाकुंभ में नया रिकार्ड भी दर्ज हुआ। सोमवती अमवस्या के शाही स्नान पर बैरागियों के स्नान में देरी होने से बड़ा उदासीन के संत धरने पर बैठ गए थे। इससे मेला प्रशासन के हाथ पैर फूल गए थे । मेष संक्रांति के शाही स्नान पर मेला पुलिस प्रशासन ने अखाड़ों के संतों की संख्या के हिसाब से उनका स्नान का समय निर्धारित किया था। इसके चलते बिना किसी मुश्किल के स्नान अपने निर्धारित समय से पहले शाम पांच बजे पूरा हो गया। संतों के स्नान पूरा होते ही अधिकारियों ने ब्रह्मकुंड में हर-हर गंगे का जयघोष के साथ स्नान किया। मां गंगा का पूजन कर आशीर्वाद भी लिया। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि मां गंगा, भगवान भोलेनाथ की कृपा से अभी तक के शाही स्नान और पर्व स्नान सकुशल और निर्विघ्न रूप संपन्न हुए हैं। इसमें सभी का आपसी सहयोग, समन्वय रहा है। आगे भी अपने कार्य और प्रयास में मां गंगा की कृपा से सफल होंगे।