डॉक्टर दंपती ने की आत्महत्या कमरे में मिले शव

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पुलिस के अनुसार बीते 10 साल से वर्षा शर्मा कैंसर से पीड़ित थीं। वर्षा के इलाज में काफी पैसा खर्च हो रहा था, जिसके चलते डॉक्टर इंद्रेश की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। कोरोनाकाल के बाद डॉक्टर अपने बेटे को कहीं एडमिशन भी नहीं दिला पाए थे।

डॉक्टर ने कैंसर पीड़ित पत्नी सहित नशीला इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में डॉक्टर ने लिखा कि वह पत्नी के साथ आत्महत्या कर रहे हैं। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं होगा। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

मूलरूप से देहरादून के निवासी 50 डॉ. इंद्रेश शर्मा (50) पत्नी वर्षा शर्मा (45) बेटे ईशान शर्मा (12) के साथ नगर की सैनिक कॉलोनी में रह रहे थे। वह बीएएमएस डॉक्टर थे और इन दिनों कृष्णा हॉस्पिटल में बतौर ईएमओ कार्यरत थे। पुलिस के अनुसार बीते 10 साल से वर्षा शर्मा कैंसर से पीड़ित थीं। वर्षा के इलाज में काफी पैसा खर्च हो रहा था, जिसके चलते डॉक्टर इंद्रेश की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी।

आलम यह हो गया था कि कोरोनाकाल के बाद डॉक्टर अपने बेटे को कहीं एडमिशन भी नहीं दिला पाए थे। बताया जा रहा है कि डॉक्टर इंद्रेश ने मंगलवार रात खाना खाने के बाद परिवार के साथ लूडो खेला। इसके बाद सुसाइड नोट लिखा और पत्नी व स्वयं को जहरीला इंजेक्शन लगा दिया। बुधवार सुबह जब माता-पिता बहुत देर तक नहीं उठे तो बेटा ईशान उन्हें उठाने कमरे में गया।
 

डॉक्टर की पत्नी 10-12 साल से कैंसर से पीड़ित
काफी प्रयासों के बाद भी जब माता-पिता में कोई हलचल नहीं दिखी तो बेटे ने 112 पर कॉल कर घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची डॉक्टरों की टीम ने आशंका जताई कि डॉक्टर ने आत्महत्या के लिए एनेस्थीसिया में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन का इस्तेमाल किया। जिसके चलते उनकी मौत हो गई। एसपी अभय सिंह, सीओ वंदना वर्मा, इंस्पेक्टर आईटीआई आशुतोष सिंह ने मौका मुआयना किया।