उत्तराखंड के विवि को लेकर गवर्नर का बड़ा फैसला।

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 राज्यपाल ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की।
 राज्य विश्वविद्यालयों हेतु परफार्मेंस इण्डिकेटर्स(प्रदर्शन सूचकांक) आधारित रैंकिंग की व्यवस्था बनायी जाए।
राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और  विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ शुक्रवार को राजभवन में बैठक की। बैठक में यह निर्णय हुआ कि राज्य के विश्वविद्यालयों हेतु परफार्मेंस इण्डिकेटर्स(प्रदर्शन सूचकांक) आधारित रैंकिंग की व्यवस्था बनायी जाए। विश्वविद्यालयों के परफार्मेंस इण्डिकेटर्स तय करने की लिए कुलपतियों की एक समिति बनायी जाय जिसमें शासन एवं राज्यपाल सचिवालय के अधिकारी भी हों। विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु यह महत्वपूर्ण निर्णय है। बैठक में राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने सभी विश्वविद्यालयों में कुलपति और रजिस्ट्रार के मध्य अच्छे तालमेल पर बल दिया। उन्होंने शासन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विश्वविद्यालयों की समस्याओं को गंभीरता से लें। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को पर्वतीय ग्रामीण एवं सीमांत क्षेत्रों हेतु ऐसे कार्यक्रम चलाने चाहिए जिससे रोजगार सृजित हो, पलायन पर रोक लगे। राज्यपाल ने आगामी 05 जून ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ एवं 21 जून ‘विश्व योग दिवस’ पर विश्वविद्यालयों को सार्थक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को वृक्षारोपण तथा रोपे गये पौधों की देखभाल हेतु क्रेडिट प्रदान करने की व्यवस्था भी बनानी चाहिए। कुछ विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था है और कुछ में नहीं है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने वर्षा जल संग्रहण हेतु सभी कुलपतियों को जल संरक्षण योजनाएँ बनाने, विभिन्न हितधारकों को इससे जोड़ने हेतु भी कार्ययोजना बनाने को कहा। बैठक में विश्वविद्यालयों की ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कक्षाओं तथा परीक्षाओं की जानकारी ली गई। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों को सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस बनने की दिशा में कार्य करना चाहिए। कोविड-19 के दौर में राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों को ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से कक्षाएँ चलाने हेतु सक्षम बनना होगा। बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होना चाहिए। बताया गया कि श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र के महाविद्यालयों की एच.एन.बी यूनिवर्सिटी से असम्बद्धता(डी-एफिलियेशन) की प्रक्रिया शासन के निर्देशानुसार प्रारम्भ हो गई है। विश्वविद्यालयों को महाविद्यालय एवं संबद्ध संस्थाओं में फैकल्टी की नियुक्ति निर्धारित मानकों के अनुरूप करने के निर्देश दिये गये।