देहरादून ऊधमसिंहनगर के केलाखेड़ा थाना क्षेत्र में 28 जुलाई को पंडित जी ढाबा की घटना पुलिस को भारी पड़ गई है। हाईकोर्ट की दखल के बाद सीबीआई ने मामले बेरिया दौलत के तत्कालीन चौकी इंचार्ज, तीन सिपाही और दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने प्रकरण में महत्वपूर्ण साक्ष्य भी एकत्र कर लिए हैं। सीबीआई की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
केलाखेड़ा थाना क्षेत्र की बेरिया दौलत में गत 28 जुलाई को पंडित जी ढाबा के संचालक से चरस बरामद का मामला चर्चाओं में रहा। इस प्रकरण में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस समेत अन्य साक्ष्य से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ गए थे। मामले में ढाबा संचालक अनिल शर्मा ने 7 अगस्त को हाइकोर्ट में रिट दायर कर घटना के साक्ष्य दिए। इस मामले में हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए रिपोर्ट मांगी। सीबीआई ने 9 अगस्त को पीई दर्ज करने के बाद प्रकरण को लेकर जरूरी साक्ष्य एकत्र किए। 18 अगस्त को सीबीआई ने पीई(प्रिमिलरी इन्क्वारी ) जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी। 19 अगस्त को हाईकोर्ट ने प्रकरण में सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इस पर सीबीआई देहरादून शाखा ने तत्कालीन चौकी प्रभारी बेरिया दौलत प्रकाश चंद टम्टा, सिपाही त्रिभुवन सिंह, चंदन सिंह बिष्ट, हरीश गिरी तथा स्पेशल पुलिस अफसर(कोविड के चलते पब्लिक से बनाये गए एसपीओ) परवेज़ अहमद, राजवंत सिंह समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीबीआई सूूत्र
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इन धाराओं में मुकदमा
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की 11 धाराओं में पुलिस कर्मियों और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई के अनुसार धारा 120बी, 166, 167, 193, 201, 211, 220, 323, 342, 348, 465 में मुकदमा दर्ज किया है।
ये था पूरा प्रकरण
ढाबा संचालक अनिल शर्मा केे अनुसार नेशनल हाइवे के पास उनका पंडित ढाबा है। 28 जुलाई को चार पांच पुलिस वाले शाम को ढाबे पर आए और उनके साथ मारपीट की। ढाबे में काम करने वाले व्यक्ति का फोन भी छीन लिया। उसे धमकी देकर कहा कि तुम्हारा मालिक कहां हैं। ढाबा सीज कर देंगे। इसके बाद पुलिस वाले उसे अपनी गाड़ी में बिठा कर ले गए और उससे चरस की बरामदगी दिखा दी। जबकि ऐसा नहीं हुआ था। मालिक भी ढाबे पर ही थे उनसे भी मारपीट की। यह सब घटना ढाबे में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गयी। दूसरे दिन दो पुलिस वाले आकर सीसीटीवी की फुटेज को डिलीट कर जाते हैं और धमकी दे जाते हैं कि अगर यह बात किसी को बताई तो ढाबा सीज कर देंगे। यह प्रकरण हाई कोर्ट के संज्ञान में आया तो कोर्ट ने एसएसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पूरी रिपोर्ट ली थी। जिसके बाद एसओ लाइन हाजिर और दारोगा और सिपाही सस्पेंड हुए थे। यहीं से पूरा मामला बिगड़ गया।