हरिद्वार जिले की डीआईजी गढ़वाल ने की समीक्षा दिए निर्देश

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 आम जनता में विश्वास पैदा करते हुए भयमुक्त समाज की स्थापना करना पुलिस की प्राथमिकता
डी आई ज़ी  गढवाल रेंज द्वारा जनपद हरिद्वार  पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस कार्यालय रोशनाबाद के सभागार मे आयोजित की गयी सर्किलवार अपराध समीक्षा बैठकः-
पुलिस उपमहानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र  करन सिह नगन्याल* द्वारा *जनपद हरिद्वार के समस्त राजपत्रित पुलिस अधि0/समस्त थानाध्यक्षो* के साथ पुलिस कार्यालय रोशनाबाद के सभागार मे *जनपद की सर्किलबार अपराध समीक्षा बैठक* आयोजित कर आवश्यक दिशा निदेश देते हुए बैठक में समस्त पुलिस अधिकारी को अवगत कराया गया कि अपराध होने से पहले ही रोकने पर काम करें।  
आदतन अपराधियों की कुंड़ली खंगालते हुए उनके विरुद् गुण्ड़ा, गैंगेस्टर की कार्यवाही में तेजी लायी जाये। 1 साल एवं 2 साल से लंबित पड़े संगीन अपराधों (एसआर केस) की समीक्षा कर लंबित पड़ी विवेचना पर डीआईजी द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा गया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी*। पुलिस की कार्यवाही स्पष्ट होनी चाहिए तथा अपराधियों में पुलिस का भय होना बहुत जरुरी है। बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि *जो भी अभियान PHQ/DIG कार्यालय स्तर से चलाये जा रहे है उन सभी पर क्षेत्राधिकारी/थाना प्रभारी अपने क्षेत्रों में कार्य करते हुए अपराधियों के विरुद्ध शत-प्रतिशत कड़ी कार्यवाही* करते हुए अभियान को सार्थक बनाएं। केवल नाम मात्र की कार्यवाही से काम नहीं चलेगा। अपने अधिनस्थों को भी मोटिवेटेड करें तथा उन्हे अलग अलग जिम्मेदारी देते हुए सभी लोग आपस में समन्वय स्थापित कर अच्छी पुलिसिंग पर फोकस करें lजनपद में जितने भी *एसआर केस लम्बित चल रहे है उन्हें प्रत्येक क्षेत्राधिकारी प्रत्येक सप्ताह पर्यवेक्षण कर विवेचकों का उचित मार्गदर्शन कर लापरवाह विवेचक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।*
अपराधी को सजा दिलवाना पुलिस का काम है हमें भयमुक्त समाज बनाना है। जनपद में जितने भी *इनामी एंव वाँछित अभियुक्त हैं उनपर थाना क्षेत्रों में अलग अलग पुलिस टीम गठित कर शत प्रतिशत कार्यवाही अमल में लायी जाय।*
सभी क्षेत्राधिकारी अपने –अपने सर्किलों में सप्ताह में 01 बार अधिनस्त कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए *स्थानीय लोगों की सीएलजी मीटिंग, वरिष्ठ नागरिकों की मीटिंग, जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगें एवं अधीनस्थों से भी उनकी समस्याओं एंव क्षेत्र में हो रहे अपराध की समीक्षा करते हुए उनका उचित मार्गदर्शन करेंगे* साथ ही उनके द्वारा कैसी पुलिसिंग की जा रही है तथा क्या-क्या सुधार किए जाने हैं उस संबंध में उनको ब्रीफ भी किया जाए।