सरकारी जमीनों पर कब्जा अब बनेगा मुसीबत

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जिलाधिकारी ने मातहतों के कसे पेंच,रिपोर्ट सौंप एक्शन ले

देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने मातहतों से एक सप्ताह में सरकारी जमीनों की वास्तविक स्थिति कब्जे अथवा मौके के हालात की रिपोर्ट मांग ली है। कैंप कार्यलाय में बैठक करते हुये डीएम ने सरकारी जमीनों पर कब्जों की शिकायतों व अलग अलग स्तर से मिल रही सूचनाओं पर सख्त नाराजगी भी जताई है। प्रशासन जमीनों पर कब्जा लेने के साथ साथ अपना लैंडबैंक तैयार करने जा रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि सभी श्रेणी की सरकारी भूमि का भूमि की श्रेणी, खसरा न0, रकबा, ग्राम/मौजा तथा वर्तमान में उसकी स्थिति आदि का सम्पूर्ण विवरण 1 सप्ताह में प्रस्तुत करें, जिससे अतिक्रमण की वस्तुस्थिति का पता चल सके और हमारा लैण्ड बैंक भी बन सके। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गंभीरता से करें तथा अपने अधीनस्थों से लगातार इसकी अपडेट प्राप्त करते रहें। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के पश्चात सम्बन्धित लेखपाल/पटवारियों से लिखित ले लें कि उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण अवशेष नही है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण से मुक्त की गयी भूमि के भविष्य में तारबाड़ के भी प्रयास किये जायेंगे इसके लिए शासन स्तर से भी समन्वय किया जायेगा। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि नदी-नालों के किनारे ऐसी खाली भूमि जिस पर अतिक्रमण की संभावना बनी रहती है उसको वन विभाग को वृक्षारोपण के उद्देश्य से सुपुर्द करने की कार्यवाही के भी निर्देश दिये। उन्होंने ग्राम समाज व राज्य सरकार की भूमि के विरूद्ध भूमि जमींदारी कानून की धारा 229 (बी) से सम्बन्धित जितने भी प्रकरण हैं उसका भी समस्त विवरण 1 सप्ताह में प्रस्तुत करने के उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न विभागों के भूमि की डिमाण्ड से सम्बन्धित जितने भी प्रस्ताव पिछले लम्बे समय से पेन्डिंग हैं उन प्रस्तावों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित विभागों को शीघ्रता से भूमि अवंटन की प्रक्रिया भी प्रारम्भ करने के निर्देश दिये।