कुंभ मेले की अधिसूचना हुई जारी,ये इलाका आता है मेला इलाके में

ख़बर शेयर करें

देहरादून राज्य में होने जा रहे महा कुम्भ के लिये अधिसूचना जारी हो गई है।सचिव शैलेश बगोली के आदेशों के मुताबिक  01 अप्रैल, 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक की अवधि के लिये प्रवर्तन में रहेंगे। कुम्भ मेले के लिए ये स्थान पूर्व की भांति अधिसूचित किया गया है।
क्षेत्र का विवरण
नीरगढ़ से तपोवन से बिठठल आश्रम मार्ग से नरेन्द्रनगर मुनिकीरेती मार्ग तक। सम्पूर्ण उत्तरी सीमा के ऊपर वर्णित भौगोलिक रेखा के उत्तर में 250 मीटर की दूरी तक समानान्तर चलेगी। पश्चिम- नरेन्द्रनगर मुनिकीरेती मार्ग से नरेन्द्रनगर-ऋषिकेश बाईपास के साथ उस स्थान तक
उत्तर
जहाँ यह ऋषिकेश-देहरादून मार्ग से मिलती है वहाँ से ऋषिकेश- देहरादून मार्ग के साथ वन चौकी तक, वन चौकी से ऋषिकेश-हरिद्वार बाईपास मार्ग, वहाँ से बाईपास मार्ग के साथ-साथ उस स्थान तक जहाँ हरिद्वार-ऋषिकेश लोक निर्माण विभाग के मार्ग पर मिलती है, वहाँ से इस मार्ग के साथ-साथ उस स्थान तक जहाँ लोक निर्माण विभाग का मार्ग हरिद्वार के हिल बाईपास मार्ग से मिलता है, यहाँ से हिल बाईपास के साथ- साथ मंसा देवी मंदिर तथा बिल्केश्वर मंदिर तक, फिर टिबड़ी से मोहन्ड रोड जंगल चौकी तथा वहाँ से बी0एच०ई०एल० के आवासीय भवनों को सम्मिलित करते हुए मुख्य मार्ग तक, फिर मध्य मार्ग के बाहरी किनारे (अर्थात् आवास विकास कालोनी की तरफ से किनारे) को लेते हुए उस स्थान तक जहाँ यह रूड़की बहादराबाद लोक निर्माण विभाग के मार्ग से मिलती है। वहाँ से हरिद्वार-दिल्ली मार्ग के रूडकी की ओर से उस स्थान तक जहाँ हरिद्वार कि0मी0 13 साइनेज लगा है। सम्पूर्ण पश्चिमी सीमा ऊपर वर्णित भौगोलिक रेखा के पश्चिम में 250 मीटर की दूरी तक समानान्तर चलेगी ।
दक्षिण- हरिद्वार-दिल्ली मार्ग से रूड़की की ओर उस स्थान, जहाँ हरिद्वार किoमी० 13 साइनेज लगा है, से बहादराबाद ग्राम को शामिल करते हुए बहादराबाद-हरिद्वार बाईपास मार्ग के साथ सीतापुर गाँव की सीमा सहित हरिद्वार-ऋषिकेश बाईपास पर रेलवे पुल तक, वहाँ से ग्राम जियापोता की बाहरी सीमा के साथ-साथ गंगा नदी को पार करते हुए हरिद्वार से नजीबाबाद मार्ग के सिद्ध सोत सेतु तक। सम्पूर्ण दक्षिण सीमा ऊपर वर्णित भौगोलिक रेखा के दक्षिण में 250 मीटर की दूरी तक समानान्तर चलेगी।
पूरब हरिद्वार नजीबाबाद मार्ग के सिद्ध सोत सेतु से चण्डी देवी मंदिर तक फिर वहाँ से हरिद्वार-चीला मार्ग सम्मिलित करते हुए चीला तक और चीला से कैनाल के दोनों पटरी को शामिल करते हुए बीरभद्र बैराज तक और बीरभद्र बैराज से दुगड्डा मार्ग के साथ-साथ उस स्थान तक

जहा लक्ष्मण झूला के लिए सड़क प्रारम्भ होती है, फिर स्वर्गाश्रम क्षेत्र के बाहरी सीमा के साथ-साथ नीलकंठ महादेव पैदल मार्ग के दाहिने किनारे 250 मीटर की दूरी तक समानान्तर चलते हुए । नीलकंठ महादेव मंदिर तक, नीलकंठ मंदिर क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए नीलकठ गरुडचटटी-दुगड़्डा मार्ग पर पीपलकोटी तिराहे तक। वहाँ से वापिस नीलकंठ-स्वर्गाश्रम पैदल मार्ग के दूसरे किनारे के साथ- साथ 250 मीटर की दरी तक समानान्तर चलते हुए लक्ष्मण झूला क्षेत्र को शामिल करते हुए नीरगढ़ के सामने गंगा नदी के बाँये किनारे का इलाका शामिल होगा।