उत्तराखंड में महिला डॉक्टर के उत्पीड़न में फंसे वन विभाग के अफसर, जांच शुरू

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देहरादून । पूर्व पीसीसीएफ सहित तीन आईएफएस के खिलाफ पुलिस जांच शुरू हो गई है। सीओ सिटी ने उन्हें नोटिस भेजकर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है। तीनों पर वन विभाग की एक महिला डॉक्टर ने काम में भेदभाव व मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर पुलिस जांच में जुटी है। सीओ सिटी शेखर सुयाल की ओर से तीनों आईएफएस को नोटिस भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि विभाग की एक महिला डॉक्टर ने उन पर काम में भेदभाव करने और जानबूझकर परेशान कर मानसिक उत्पीड़न करने के आरोप लगाए हैं।

इसकी शिकायत उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजी। आयोग की ओर से एसएसपी देहरादून को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। अब जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है। उन्हेांने जांच शुरू कर दी है। पीड़ित महिला डॉक्टर के बयान हो गए हैं। उन्होंने अपने बयान में सभी आरोप दोहराए हैं। अब सीओ ने तीनों को बयान देने के लिए बुलाया है।

प्रमुख सचिव से भी कर चुकी हैं शिकायत

महिला डॉक्टर इनमें से एक अधिकारी पर परेशान करने का आरोप लगाकर जनवरी में प्रमुख सचिव वन आनंद वर्द्धन से भी शिकायत कर चुकी हैं। इसमें महिला डॉक्टर ने आरोप लगाए थे कि उन्हें जानबूझकर काम करने से रोका जा रहा है। ताकि वह परेशान होकर वापस अपने मूल विभाग में चली जाएं। जबकि वे पिछले लंबे समय प्रतिनियुक्ति पर वन विभाग में हैं और कई अहम प्रोजेक्टों में काम कर चुकी हैं।

सीओ सिटी प्रथम शेखर सुयाल ने कहा तीनों अधिकारियों को समन भेजे गए हैं। पीड़ित डॉक्टर के बयान दर्ज कर लिए हैं। अब जल्द से जल्द तीनों अधिकारियों के बयान लेकर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। जो भी सामने आएगा उसकी जांच रिपोर्ट एसएसपी को भेज दी जाएगी।