सेलाकुई कूडा केंद्र की सुधरेगी व्यवस्थामंत्री ने दिये निर्देश।

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देहरादून सरकार के लिये चुनौती बना शीशमबाडा टेचिंग ग्राउण्ड के निर्माण से लेकर संचालन की खामियाँ व स्थानीय लोगों का विरोध अब समस्या बनने लगा है। चुनाव नजदीक देख पार्टी के लिये भी अब ये मुद्दा बनता जा रहा है। कूडा निस्तारण के सम्बन्ध में होने वाली जन समस्याओं का तत्काल निराकरण करने के निर्देश शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने दिए । यमुना कालोनी में प्रदेश अध्यक्ष भाजपा बंशीधर भगत के साथ हुई बैठक में शीशमबाडा ट्रैन्चिंग ग्राउण्ड, कूडा निस्तारण से सम्बन्धित समस्याओं की चर्चा की गई। विधायक सहसपुर सहदेव पुण्डीर ने क्षेत्रीय जन समस्याओं की जानकारी देते हुये कहा की शीशमबाडा ट्रैन्चिंग ग्राउण्ड, कूडा निस्तारण समस्या का विकल्प तलाश लिया जाये।

शहरी विकास मंत्री, श्री मदन कौशिक ने उक्त समस्या के निस्तारण के लिये कहा की रूड़की में सालिड वेस्ट एनर्जी में वेस्ट टू एर्नेजी माडल को शीशमबाडा ट्रैन्चिंग ग्राउण्ड, कूडा निस्तारण से जोड़ दिया जायेगा। इसके प्रभाव से देहरादून और शीशमबाडा का कूड़ा रूड़की वेस्ट टू एनर्जी माडल में प्रयोग किया जायेगा।

इसके अतिरिक्त शहरी विकास मंत्री, श्री मदन कौशिक ने जिलाधिकारी, देहरादून को निर्देश देते हुये कहा कि शीशमबाडा कूड़ा ट्रैन्चिंग ग्राउण्ड, कूडा निस्तारण से सम्बन्धित जनसमस्याओं को देखते हुये, इसके लिये अन्यत्र उपयुक्त स्थल की तलाश की जाये।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष भाजपा श्री बंशीधर भगत, विधायक श्री सहदेव पुण्डीर, सचिव नगर विकास श्री शैलेश बगौली, निदेशक शहरी विकास श्री विनोद सुमन, नगर आयुक्त, नगर निगम, देहरादून श्री विनय शंकर पाण्डेय, मण्डल अध्यक्ष सुद्धोवाला सुखदेव फरस्वाण, श्री विजय पाल बडथवाल, श्री राजेन्द्र बलोनी,इत्यादि थे।

नगर पंचायत बनेगा सेलाकुई सरकार जायेगी सुप्रीम कोर्ट

सेलाकुई नगर पंचायत बनाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है, यह बात नगर विकास मंत्री, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कही गई। यमुना कालोनी आवास पर नगर विकास के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुये, इस प्रकरण की समीक्षा की गई। सेलाकुई नगर पंचायत बनाने का निर्णय सरकार द्वारा पहले ही ले लिया गया था। किन्तु माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद इस पर अग्रिम कार्यवाही रूक गई थी। परन्तु अब यह निर्णय लिया गया कि सेलाकुई को नगर पंचायत बनाने के लिये माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये स्थगन आदेश को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जायेगी।