देहरादून उत्तराखंड में सरकार अब धीरे धीरे बढ़ती जरूरत बदलते परिवेश व अदालतों के आदेशों के मद्देनजर राजस्व पुलिस के स्थान पर सिविल पुलिस की तैनाती पर संजीदा हो गई है। इसी क्रम में अपर सचिव गृह रिदिम अग्रवाल ने प्रदेश के जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर बिंदुवार जानकारी मांगते हुये उनकी अपनी आकलन रिपोर्ट भी मांगी है। अंकिता हत्याकांड में सबसे बडी लापरवाही राजस्व पुलिस के रूप में सामने आई जहाँ मिलीभगत कर ड्यूटी पर तैनात पटवारी मेडिकल लेकर अवकाश पर चले गये ज्बकि डयूटी पर आये पटवारी ने इतने संवेदनशील व अहम विषय में दिलचस्पी ही नही दिखाई थी। कल हाईकोर्ट के राजस्व पुलिस व्यवस्था पर राज्य सरकार से पूछे गये सवाल के बाद जहाँ राज्य सरकार जहाँ हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने जा रही है वहीं अब जिलों के जिलाधिकारी व कप्तानों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट में बिंदुवार पूछा गया है कि ऐसे स्थान जहाँ औधोगिक निर्माण,होटल रिसोर्ट अथवा मानवीय गतिविधियाँ बढने के साथ साथ नई सडक व वाहनों का आवागमन बढा हो और वहाँ राजस्व पुलिस की तैनाती के स्थान की जानकारी बिंदुवार देते हुये जिलाधिकारी कप्तान अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगें। अपर सचिव गृह रिदिम अग्रवाल ने ये जानकारी दी है।
गुमशुदगी के मामले में भी अब बदलेगी व्यवस्थाप्रदेश में गुमशुदगी के मामले में अब थाना चौकी स्तर का लापरवाही भरा रवैय्या नही चलेगा। शासन में इस बात पर मंथन हो रहा है कि गुमशुदगी संबंधी मामलो में तत्काल एक्शन हो सामान्य तौर पर ऐसा देखा जाता है कि चौकी या थाने में किसी पीडित के पंहुचने पर उसे 24 घंटे इंतजार करने या फिर गुमशुदा व्यक्ति के स्वयं ही लौट आने का आश्वासन भी दिया जाता है कई बार गुमशुदा व्यक्ति वापस लौट भी आता है लेकिन ये रवैय्या अब नही चलेगा इस पर भी शासन स्तर पर मंथन चल रहा है इस बाबत भी जल्द दिशा निर्देश जारी होने जा रहे है।