बेदाग साबित हुए आईएएस दिलीप जावलकर

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आईएएस दिलीप जावलकर

देहरादून: नेताओं और अधिकारियों पर उत्पीड़न के आरोप समय-समय पर लगते दिखाई देते रहे हैं. हालांकि, जांच के बाद इन आरोपों की सत्यता सामने आती है. उत्पीड़न से जुड़ा एक ऐसा ही मामला उत्तराखंड से सामने आया है, जो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से जुड़ा हुआ है. इसी साल फरवरी महीने में संस्कृति निदेशालय की निदेशक ने संस्कृति विभाग के सचिव पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद राज्य स्तरीय उत्पीड़न शिकायत निवारण समिति ने जांच के बाद सचिव दिलीप जावलकर पर लगे उत्पीड़न के आरोप से क्लीन चिट दे दी है.


23 जून को हुई समिति की बैठक में सचिव दिलीप जावलकर के पक्ष और संस्कृति निदेशालय के निदेशक बीना भट्ट के शिकायत पत्र पर अध्ययन किया गया. फिर समिति ने यह पाया कि संस्कृति निदेशक ने जो शिकायत दी है, वह विभागीय एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं से संबंधित है. यही नहीं, समिति को मिली शिकायत में कार्यस्थल पर उत्पीड़न विषय से संबंधित नहीं है. जिसके बाद राज्य स्तरीय उत्पीड़न शिकायत निवारण समिति के सभी सदस्यों ने इस मामले को निरस्त कर, सचिव पर लगे उत्पीड़न के आरोपों से क्लीन चिट दे दी.