होमगार्ड्स,दिवस आज-रैतिक परेड का हुआ आयोजन।

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देहरादून होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा दिवस पर राजधानी दूंन के होमगार्ड्स निदेशालय परिसर में रैतिक परेड का आयोजन किया गया। व्यस्तता के कारण सीएम परेड में नही पहुंच सके मंत्री सुबोध उनियाल ने परेड की सलामी लेते हुए अच्छा काम करने वाले व उत्कृष्ट होमगार्ड्स को समानित भी किया।

उत्तराखंड में होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस के मौके पर रविवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की तीन बड़ी घोषणाएं को कमांडेंट जनरल आईजी पुष्पक ज्योति ने सीएम त्रिवेंद्र की ओर से की गई घोषणाओं को पढ़ा। 

। अब होमगार्ड्स विभाग में समूह ग की भर्ती में 25 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। वहीं, होमगार्ड्स की संख्या 6411 से बढ़कर 10001 की गई है। साथ ही अब कारागार में बंदी रक्षक के पद पर 25 प्रतिशत होमगार्ड्स रहेंगे।

क्या है होमगार्ड्स विभाग

पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ड्यूटी देने वाले होमगर्ड के बारे में कितना जानते हैं आप, आजादी से पहले का है इतिहास देशभर में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चौराहा हो या दंगा ग्रस्त इलाका, चुनाव हो या फिर सरकारी दफ्तर. हर जगह पर पुलिस के छोटे भाई की तरह नजर आने वाले होमगार्ड का 6 दिसंबर को स्थापना दिवस है. क्या है होमगार्ड का इतिहास? कैसे काम करता है नागरिकों का ये स्वैच्छिक संगठन कानून-व्यवस्था में कितना महत्वपूर्ण है का होमगार्ड्स

यूं तो होमगार्ड विभाग का इतिहास आजादी से पहले का है. 1946 में जब मुंबई प्रांत में सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे, कानून-व्यवस्था बिगड़ रही थी. ऐसे हालात में पुलिस के साथ मदद के लिए गृह रक्षक संगठन यानी होमगार्ड की स्थापना की गई. ये एक ऐसा संगठन था जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर से लेकर वो नौजवान शामिल थे जो अपने रोजमर्रा के अलावा समाज की बेहतरी के लिए स्वैच्छिक तौर पर काम करना चाहते थे. आजादी के बाद इस संगठन को विस्तार नहीं दिया जा सका. लेकिन, 1962 के चीन युद्ध में एक बार फिर पुलिस को मददगारों की जरूरत महसूस हुई और 6 दिसंबर 1962 को गृह रक्षक संगठन का पुनर्गठन किया गया. तभी से होमगार्ड महकमा अपना 6 दिसंबर को स्थापना दिवस मनाने लगा.