हाईकोर्ट का आदेश आईडीपीएल ऋषिकेश में खोलें उच्च न्यायालय की एक बेंच, सरकार से 21 जून तक मांग जवाब

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हाईकोर्ट का आदेश आईडीपीएल ऋषिकेश में खोलें उच्च न्यायालय की एक बेंच, सरकार से 21 जून तक मांग जवाब

नैनीताल उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज दो सदस्यीय जज की बेंच ने आईईपीएल ऋषिकेश में उच्च न्यायालय की एक बेंच खोलने का आदेश दिया. उत्तराखंड सरकार को जवाब देने के लिए 21 जून तक का समय दिया गया है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत की सुनवाई में शामिल हुईं

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऋषिकेश स्थित आईडीपीएल के मामले में राज्य सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई पर चीफ सेकेट्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुईं. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने हाईकोर्ट की एक बेंच ऋषिकेश के आईडीपीएल में शिफ्ट करने के आदेश पर हाईकोर्ट बार गम्भीर हुई. कोर्ट के आदेश का बार ने भारी विरोध किया और मुख्य न्यायाधीश से इस आदेश को वापस लेने को कहा. जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने दो बजे का समय बार को दिया है

मामले के अनुसार ऋषिकेश स्थित इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड (आईडीपीएल) की कुछ याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी. इस याचिका में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी मामले में ऑनलाइन जुड़ी हुई थीं. सुनवाई के बाद आदेश लिखाते समय मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट को गौलापार शिफ्ट करने को गलत कदम बताते हुए कहा कि इसके लिए उपर्युक्त स्थल ऋषिकेश में आईडीपीएल की 850 एकड़ भूमि ठीक है. इस भूमि में से 130 एकड़ भूमि में पूर्व कर्मचारी रहते हैं.न्यायालय में आदेश पारित होते ही अधिवक्ताओं के बीच खलबली मच गई. सभी बार सभागार में एकत्रित हुए और अपने अपने विचार रखे. सभी ने एक स्वर में कहा कि इसका विरोध किया जाये. जबसे कोर्ट बनी है, अभी तक जजों की पूरी नियुक्ति तक नहीं हुई. साल में एक बार कोर्ट शिफ्ट करने का मामला सामने आता है. इस मौके पर हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष डीसीएस रावत, सचिव सौरभ अधिकारी, विजय भट्ट, प्रभाकर जोशी, सय्यद नदीम ‘मून’, विकास गुगलानी, पुष्पा जोशी, रमन साह, ललित बेलवाल, दीप प्रकाश भट्ट, कुर्बान अली, कैलाश तिवारी, सौरभ पाण्डे, दीप जोशी, हरेंद्र बेलवाल, भुवन रावत, दुष्यंत मैनाली, डीएस मेहता, एमसी कांडपाल, अजय बिष्ट, लता नेगी, सुहैल अहमद सिद्दीकी आदित्य साह आदि सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद