मंत्री हरक सिंह रावत की चुनाव में हरीश रावत को लेकर बड़ी सलाह

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देहरादून राज्य सरकार में सबसे सीनियर मंत्री व उत्तराखंड में उतर प्रदेश के जमाने से  एक्टिव पॉलिटिशियन मंत्री हरक सिंह रावत ने चुनावों से पहले एक बडी चिंता जाहिर की है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने साफ साफ कहा है कि चुनावो में पार्टी को हरीश रावत को टॉरगेट करने से बचना होगा। दूर की समझ रखने वाले मंत्री हरक सिंह रावत की इस चिंता के कई मायने समझे जा सकते है। हरक सिंह रावत तो यहाँ तक कह गये कि चुनावो में सीएम धामी को भी आगे न करके मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा ही होना चाहिये ज्बकि पार्टी युवा सीएम सिक्सटी प्लस का नारा दे रही है।

उत्तराखंड की राजनीति में सबसे कद्दावर नेता व मंत्री हरक सिंह रावत का सियासी कद इतना बडा है कि वो भले पांच साल पहले ही कि भाजपा में आये हो लेकिन वो सीधे पीएम मोदी अमित शाह व जेपी नड़़डा से मिलते है। केंद्र अहम मसलों में उनकी राय लेता है बीते दिनों अमित शाह ने उन्हे पार्टी दफ्तर बुलाकर दोपहर का भोजन किया था। दरअसल  बीते दिनों उत्तराखंड में चुनाव अभियान को धार देने आये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीधे सीधे हरीश रावत को निशाने पर लेते हुये जमकर हमला बोला था। इस दिन से ही उत्तराखंड के सियासी हल्को में ये चर्चायें जोर पकडने लगी कि कांग्रेस पार्टी ने भले ही हरीश रावत को चुनावो में कैंपेन प्रमुख बनाया हो लेकिन अब शायद वो सीएम पद के सीधे सीधे कैंडिेडेट बन गये और भाजपा ने कांग्रेस के बजाए सीधे सीधे हरीश रावत को अहम पद दे दिया । 2017 में हरीश रावत दो दो विधानसभा सीटों से चुनाव हार गये थे इसमें यूएसनगर जिले की किच्छा विधानसभा व हरिदार की ग्रामीण विधानसभा सीट शामिल थी। जो व्यक्ति दो दो चुनाव हार गया उसे करीब पांच सालो में इतनी तवज्जो मिलने के आखिर क्या मायने है। हरक सिंह रावत जैसे चुनाव जीतने व प्रबंधन के चाणक्य की ये चिंता आखिर है

वीओ2- खुलकर बोलने व बेबाक अपनी टिप्पणी रखने वाले मंत्री हरक सिंह रावत ने पार्टी को अहसज कर दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के पास मंत्री हरक सिंह रावत की इस चिंता का कोई जवाब नही है। हलांकि वो अपने तरीके से पार्टी का पक्ष रखते हुये सफाई देते है। 

मंत्री हरक सिंह रावत की ये चिंता भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व पार्टी संगठन के लोगो की भी चिंता बनी हुई है। हलांकि खुलकर कोई बोलने से बचता है क्योंकि इसके पीछे की वजह पार्टी अनुशासन व नियम है। बरहाल देखना होगा पार्टी हरक की हरीश रावत पर सलाह मानती है या नही ।