देहरादून उत्तराखंड में जारी कुदरत के कहर का असर सामान्य जनजीवन के साथ साथ उधोगो पर भी पड़ा है।दुर्भाग्य ये भी है कि सरकारें आई और सरकारें गई चाहे किसी भी राजनीतिक दल की
लेकिन पिछले 6-7 वर्षों से अधिक समय से राजधानी के अहम ओधोगिक इलाके सेलाकुई की समस्या का कोई संज्ञान नही ले रहा है हर साल विद्युत पोल नदियों में बह जातें हैं और उद्योगों में उत्पादन ठप्प हो जाता है
Selaqui औद्योगिक क्षेत्र में 220 kVA का सब स्टेशन 6 वर्ष पहले स्वीकृत हुआ था और सरकारों द्वारा उद्योगों की जरूरतों को गम्भीरता से ना लेने के कारण ये अभी तक स्थापित नहीं हुआ, यह एक चिंता का विषय है।
सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र को विद्युत supply 15 किलोमीटर लंबी लाइन द्वारा की जाती जो कई नदियों व जंगलों से गुज़रते हुऐ Selaqui पहुँचती है जिससे आँधी तूफान में जंगलों में पेड़ लाइन पर गिरते हैं और तीन महीने मानसून सीजन में नदियों में पानी आने से पोल बह जाते हैं और औद्योगिक उत्पादन ठप्प हो जाता है। मांग की गई है कि
सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में इस स्वीकृत 220 KVA के सब स्टेशन को अविलंब स्थापित किया जाए।