रोजगार दो सरकार,लोक सेवा आयोग से जारी है इंतज़ार।

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देहरादून राज्य की राजनीति में इन दिनों रोजगार बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर नेता जमकर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे है।इन सबके बीच राज्य के लोक सेवा आयोग की ओर भी ध्यान देना जरूरी है।बीते तीन वर्षों से पीसीएस भर्ती की विज्ञप्ति का इंतज़ार कर युवा बेरोजगार व ओवर एज हो रहे है।जानकारों की माने तो कई विभागों ने अपने स्तर से विभाग में चल रही कार्मिकों की कमी के बाबत शासन को भी अध्याचन भेजा हुआ है। लोक सेवा आयोग की आखिर क्या समस्या ये तो जिम्मेदार बताएंगे कई सीनियर अफसर कहते है कि हर वर्ष आयोग को नियुक्ति के बाबत कारवाई करनी चाहिए।

 कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंधीधर भगत के बीच एक बार फिर जुबानी जंग सी छिड़ी दिख रही है। इस बार इस जंग के मूल में सरकारी नौकरियां हैं। दोनों दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार के समय में उत्तराखंड के लोगों को ज्यादा सरकारी नौकरियां मिलीं।
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर भाजपा अध्यक्ष भगत को नसीहत दी है। उन्होंने लिखा है कि माननीय भाजपा अध्यक्ष सरकारी नौकरियों को लेकर बड़ी ऊंची हांक रहे हैं। मैं उनको नौकरियों के मामले में आईना दिखाना चाहता हूं कि भाजपा कहां पर खड़ी है। स्व. नारायण दत्त तिवारी जी के कार्यकाल में 17000 लोग स्थाई और अस्थाई नौकरियों में रखे। मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी जी व श्री निशंक जी के कार्यकाल में कुल मिलाकर 9000 के करीब लोगों को स्थाई या अस्थाई पा नौकरियां मिली। विजय बहुगुणा जी के कार्यकाल में विधानसभा में कुछ पद निकले और लोगों को नौकरियां मिली। हरीश रावत के कार्यकाल में 32000 युवाओं को सरकारी, अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में नौकरियां मिलीं। जिनमें स्थाई, अस्थाई व संविदा धारक सम्मिलित हैं। यदि इस कार्यकाल में नियुक्त हुए शिक्षा प्रेरक, महिला समाख्या व मानदेय आधारित नियुक्ति वाली दाइमाओं को भी सम्मिलित कर लिया जाए तो यह संख्या 40000 को पार कर जायेगी। अब जरा गौर करने की बात है कि श्री त्रिवेंद्र सिंह जी के कार्यकाल में कुल जमा 3100 पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। जिनमें से अधिकांश प्रारंभिक चरण में हैं और कुछ पदों पर परीक्षा हुई है। जिनके अभी प्रारंभिक चरण में हैं और कुछ पदों पर परीक्षा हुई है। जिनके अभी परिणाम आने अपेक्षित हैं। यदि भाजपा के माननीय अध्यक्ष हौसला रखेंगे तो मैं अपने कार्यकाल के 40000 के विभाग वार ब्योरे को भी सार्वजनिक करने को तैयार हूं।
इसके बाद भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत फिर मैदान में आ गए। उन्होंने मीडिया को जारी बयान में कहा कि कांग्रेस ने बेरोजगारों को नहीं अपने चहेतों को नौकरियां दी हैं। विधानसभा में भी ऐसा ही किया गया। भाजपा सरकार ने युवा बेरोजगारों को रोजगार दिया। कांग्रेस की तरह से बंदरबांट नहीं की। हरीश रावत ने भी इसी परम्परा पर चलकर नौकरी की रेवड़ियां बांटी।