कृषि कानूनों के खिलाफ आज शनिवार को राज्यभर के किसान देहरादून स्थित राजभवन कूच कर रहे हैं। इसके लिए डोईवाला, विकासगनर और रुड़की के किसानों ने तैयारी पूरी कर ली है। पूरी राजधानी छावनी में तब्दील हो गई है। किसानों के राजभवन कूच के मद्देनजर हर जगह पुलिस तैनात है।
किसान संयुक्त मोर्चा के तहत गांधी पार्क से राजभवन कूच कर रहे सीटू के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हाथीबड़कला बैरिकेटिंग पर रोक लिया है। वहीं किसान प्रदर्शनकारी हर्रावाला में बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें आईआईपी मोहकमपुर के पास रोका हुआ है। आशारोड़ी और सेलाकुई आदि स्थानों पर भी किसान प्रदर्शनकारी जमा हैं। किसान आंदोलन की वजह से लगाए गए बैरिकेडिंग की वजह से आशारोड़ी चेक पोस्ट पर बहुत पहले से लंबा जाम लग गया है।आशा रोटी चेकपोस्ट से ट्रैफिक रोका हुआ है, कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। चेकपोस्ट पर देहरादून आना जाना बंद है।
केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ राजभवन कूच कर रहे किसानों ने प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर रैली निकाली। भानियावाला लक्ष्मी वाला ओवरब्रिज से होते हुए टोल बैरियर पहुंची ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने रोक लिया। इस बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
किसानों ने जमकर नारेबाजी की और कृषि कानून वापस लेने की मांग की। कुछ किसान ट्रैक्टर लेकर दून शहर की ओर निकल गए। कुछ को पुलिस ने रोक लिया। प्रदर्शनकारियों में ताजेंद्र सिंह हाजी, अमीर हसन, जाहिद अंजुम, सुरेंद्र सिंह खालसा, परमजीत सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष गौरव चौधरी, सागर मनवाल, मोहित उनियाल, गुरुदेव सिंह, उमेद बोरा आदि तमाम लोग हैं।
चकराता विकासनगर सहसपुर से आने वाले उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के कार्यकर्ताओं को उत्तराखंड पुलिस सेलाकुई जंगल में ने रोक लिया है। जिसमें 35 ट्रैक्टर, एक बस, कई मोटरसाइकिल हैं।
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के कार्यकर्ता आज राजभवन कूच कर रहे हैं। जिसके बाद 24 जनवरी को मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली में प्रतिभाग करने के लिए रवाना होंगे।