
शिवालिकनगर चेयरमैन राजीव शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप पर हंगामा, निर्दलीय सभासद व प्रदर्शनाकरियों को पुलिस ने रोका..
: राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर संपत्ति की एसआईटी जांच की मांग, सत्ताबल के सहारे घोटाला दबाने का भी आरोप
हरिद्वार। शिवालिक नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। पालिकाध्यक्ष राजीव शर्मा की संपत्ति और कार्यकाल की जांच की मांग को लेकर निर्दलीय सभासद अमरदीप उर्फ रोबिन जब प्रदर्शन के लिए निकले, तो पुलिस ने उन्हें रानीपुर क्षेत्र में रोक लिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। बाद में एएसपी सदर जितेंद्र चौधरी ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता की और राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन लिया। सभासद रोबिन ने आरोप लगाया कि पालिका में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन विरोध प्रदर्शन की भी अनुमति नहीं दी जा रही। उन्होंने इसे लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा बताया।
“पालिका भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है” ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा ने अपने कार्यकाल में फर्जी टेंडर, बिना कार्य के भुगतान, मनमानी मरम्मत और ठेकेदारों से मिलीभगत के जरिए नगर निधियों का भारी दुरुपयोग किया है।
स्ट्रीट लाइट से लेकर सफाई तक फर्जीवाड़ा सभासद ने कहा कि स्ट्रीट लाइटों की खरीद महंगे दामों पर की गई, लेकिन ज़मीनी स्तर पर ज़रूरतमंद इलाके आज भी अंधेरे में हैं। सफाई व्यवस्था भी कागजों तक सीमित है। वाहन नहीं चलते, सफाईकर्मी नहीं दिखते, लेकिन खर्च लाखों में दर्शाया गया है।
सीवरेज कार्य अधूरे, भुगतान पूरे नगर क्षेत्र में पाइपलाइनें टूटी हैं या बिछाई ही नहीं गईं, लेकिन मरम्मत और निर्माण कार्यों के पूरे भुगतान फाइलों में कर दिए गए हैं।
“आय से अधिक संपत्ति की जांच हो” ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि पालिकाध्यक्ष की चल-अचल संपत्ति की जांच कर यह पता लगाया जाए कि वह उनकी आय से मेल खाती है या नहीं। आरोप है कि कार्यकाल के दौरान पालिकाध्यक्ष की संपत्ति और जीवनशैली में भारी वृद्धि हुई है।
राज्यपाल से की ये मांग
- पालिकाध्यक्ष के पूरे कार्यकाल की SIT से जांच
उनकी संपत्ति की जांच - दो वर्षों के भीतर हुए सभी कार्यों की फील्ड ऑडिट
दोषियों पर कानूनी कार्रवाई
3. पालिका कार्यों की सार्वजनिक रिपोर्टिंग व्यवस्था
“लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा”
सभासद रोबिन ने कहा कि अब जनता की आवाज को दबाया जा रहा है। जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता है, उसे रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक ज्ञापन नहीं, बल्कि जनविश्वास की पुकार है, और उम्मीद जताई कि महामहिम राज्यपाल जनहित में शीघ्र कठोर कदम उठाएंगे।