सर्वोच्च अदालत ने उत्तराखंड के जंगल की आग को काबू में करने का राज्य का दृष्टिकोण चिंताजनक बताते हुए टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को 17 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा है। पीठ में न्यायमर्ति एसवीएन भट्टी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल हैं।
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कई योजनाएं तैयार की जाती हैं लेकिन कदम कोई भी नहीं उठाए जा रहे हैं। साथ ही शीर्ष अदालत ने वन विभाग में भारी रिक्तियों के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि पदों को भरने पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।