सीएम धामी के सरलीकरण से समाधान।मुहिम के तहत लिए गए अहम फैसले

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देहरादून सीएम धामी के सरलीकरण से समाधान प्रयोजन से शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त प्रशासकीय विभागों के मध्य परामर्श प्राप्त किये जाने के सम्बन्ध में निम्नवत् कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने ये जानकारी दी है

शासन स्तर पर किसी प्रशाकीय विभाग को वित्त, कार्मिक, न्याय, विधायी अथवा किसी अन्य प्रशासकीय विभाग के परामर्श की आवश्यकता होने की दशा में सम्बन्धित प्रशासकीय विभाग द्वारा निर्दिष्ट परामर्शी विभाग को पत्रावली संदर्भित किये जाने पर परामर्शी विभाग द्वारा सम्यक परीक्षणोपरान्त अपना परामर्श पत्रावली संदर्भित किये जाने की तिथि से 15 कार्य दिवस के अंदर उपलब्ध कराया जायेगा।

अत्यन्त महत्त्वपूर्ण एवं तात्कालिकता की प्रकृति वाले प्रकरणों में परामर्श वाली पत्रावली तत्काल / शीर्ष प्राथमिकता” (Immediate / Top Priority) अंकित करते हुए सम्बन्धित परामर्शी विभाग के वरिष्ठतम अधिकारी (अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव) को सीधे संदर्भित की जायेगी जिनके द्वारा प्रकरण में अग्रेत्तर अपेक्षित कार्यवाही अविलम्ब / समयबद्ध सुनिश्चित करने हेतु स्वयं पर्यवेक्षण किया जायेगा। ऐसे प्रकरणों में प्रशासकीय विभाग की टिप्पणी के प्रारम्भ में ही विषय की तात्कालिकता का कारण / आधार स्पष्टतः उल्लिखित किया जायेगा।

वित्त तथा अन्य परामर्शी विभागों द्वारा यथासंभव उन्हें परामर्श हेतु पत्रावली भेजे जाने के निमित्त विषय के संदर्भ में वांछित सूचनायें उपलब्ध कराने हेतु एक मानक प्रारूप (Standard Template) तैयार कर समस्त प्रशासकीय विभागों को प्रसारित किया जायेगा और प्रशासकीय विभागों के द्वारा निर्गत मानक प्रारूप के अनुरूप समस्त सूचनायें पत्रावली में अंकित की जायेंगी। परामर्शी विभाग के स्तर पर परीक्षण के दौरान कोई पृच्छा की जानी हो अथवा प्रशासकीय विभाग के साथ बैठक अपेक्षित हो तो (4)

ऐसी पृच्छा की संसूचना अथवा बैठक का आयोजन परामर्शी विभाग के अपर सचिव अथवा उच्च स्तर से ही किया जायेगा। पृच्छा का त्वरित समाधान अथवा बैठक में पूर्ण सूचना के साथ उपस्थित होने का दायित्व प्रशासकीय विभाग का होगा जिसके अंतर्गत नियत बैठक में अपर सचिव से अन्यून स्तर के अधिकारी द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। पृच्छा के समाधान में लगने वाला समय उक्त प्रस्तर- (1) में यथानिर्धारित 15 कार्य दिवस के अतिरिक्त होगा।

प्रशासकीय विभाग के द्वारा परामर्श हेतु पत्रावली संदर्भित होने के उपरान्त परामर्शी विभाग के द्वारा उक्तानुसार नियत 15 कार्य दिवस के अंदर परामर्श सुलभ नहीं कराया जाता अथवा कोई पृच्छा नहीं की जाती है तो प्रशासकीय विभाग द्वारा प्रकरण को निर्णय हेतु उच्चाधिकार प्राप्त समिति को संदर्भित किया जायेगा उच्चाधिकार प्राप्त समिति की संरचना निम्नवत् होगी :- 1

(क) मुख्य सचिव

(ख) विषय से सम्बन्धित प्रशासकीय विभाग के अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव (ग) विषय की प्रासंगिकता के अनुसार परामर्शी विभाग / विभागों के

अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव

अध्यक्ष

– सदस्य सचिव

सदस्य

उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा उसके समक्ष प्रस्तुत किए गए विषय के सम्बन्ध में सम्यक विचारोपरान्त लिया गया निर्णय अंतिम होगा और ऐसे निर्णय के उपरान्त सम्बन्धित परामर्शी विभाग का पृथक से औपचारिक परामर्श प्राप्त करना आवश्यक नहीं होगा। उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में परामर्शी विभाग द्वारा दिए गए परामर्श को कार्यवृत्त में भी उल्लिखित करते हुए कार्यवृत्त पर समिति के सभी उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर प्राप्त किए जायेंगे तद्नुसार समिति के निर्णय / संस्तुति के आधार पर सम्बन्धित प्रशासकीय विभाग के द्वारा यथाप्रक्रिया सक्षम स्तर से अनुमोदन / अंतिम निर्णय कराने हेतु अविलम्ब कार्यवाही की जायेगी।

[) उपरोक्तानुसार शासन स्तर पर परामर्शी विभागों से परामर्श प्राप्त करने / अग्रेतर कार्यवाही हेतु समय-सारिणी निम्नवत् होगी:- | प्रशासकीय विभाग द्वारा परामर्शीय विभाग को पत्रावली प्रेषित किये जाने का दिन 

परामर्शी विभाग द्वारा परामर्श दिए जाने हेतु समयावधि (पृच्छा का उत्तर आने में लगने वाला समय अतिरिक्त होगा)

(a) उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) की बैठक (यदि आवश्यक हो) M उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) के निर्णय / संस्तुति के आधार पर प्रशासकीय

विभाग द्वारा सक्षम स्तर का अनुमोदन प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना