औद्योगिक विकास योजना-2017 के लाभार्थियों को 35 करोड़ की सब्सिडी वितरित की गई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वितरित किये सब्सिडी के चैक
औद्योगिक विकास योजना भारत सरकार के उद्योग संवर्द्धन एवं आन्तरिक व्यापार विभाग द्वारा उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश के लिये 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2022 की अवधि तक लागू की गई है
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय सभागार में उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास योजना-2017 के स्वीकृत 23 दावों के लाभार्थियों को 35 करोड़ का उपादान वितरित किया। औद्योगिक विकास योजना भारत सरकार के उद्योग संवर्द्धन एवं आन्तरिक व्यापार विभाग द्वारा उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश के लिये 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2022 की अवधि तक लागू की गई है। इस योजना में प्लाण्ट एवं मशीनरी में किये कुल पूंजी निवेश के 30 प्रतिशत अधिकतम रू0 05 करोड़ तक का उपादान भारत सरकार से देय है। इसी प्रकार 05 वर्षों हेतु इकाईयों के प्लाण्ट एवं मशीनरी के इनस्योरेंस प्रीमियम की शतप्रतिशत प्रतिपूर्ति भी देय है।
योजना में पंजीकृत 725 इकाईयोंमें कुल पूंजी निवेश रू० 8000 करोड़ और 60,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा
इस योजना में दिनांक 13-08-2021 तक 725 इकाईयों द्वारा पंजीकरण किया गया है, जिसमें कुल पूंजी निवेश रू० 8000 करोड़ तथा इससे लगभग 60,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इनमें 355 नई इकाईया स्थापित होंगी, जबकि 370 इकाईयों द्वारा अपने विद्यमान क्षमता में विस्तारीकरण किया जा रहा है। इन इकाइयों में 629 इकाईयां विनिर्माण क्षेत्र में जबकि 96 इकाईया सेवा में स्थापित हो रही है।
उद्योगों को बेहतर माहौल देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मिशन आत्म निर्भर भारत को सफल बनाने के लिये उद्योगों को बेहतर वातावरण एवं सहूलियते दिये जाने का यह प्रयास है। उन्होंने कहा कि विकास के लिये पूंजी निवेश जरूरी है। उद्योगों का संवर्धन एवं संरक्षण हमारा उद्देश्य है। उन्होंने उद्यमियों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि सरकार आपके साथ है। सरकार सबकी साझेदार के रूप में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा उत्तराखण्ड को दिये गये औद्योगिक पैकेज के कारण प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों की बड़ी संख्या में स्थापना हुई, आगे भी प्रदेश में देश विदेश के उद्यमी आये इसके लिये अनुकूल वातावरण का सृजन किया गया है। बाहर से आने वाले उद्यमियों को प्रदेश में आने के लिये यहां के उद्यमियों को आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिये गये हैं। वे स्वयं भी विभिन्न उद्योग प्रतिनिधियों एवं संगठनों से वार्ता करेंगे। कोरोना महामारी का वैश्विक प्रभाव सभी क्षेत्रों में पड़ा है हम सब आपसी समन्वय एवं सहयोग से इस चुनौती का सामना करने में सफल होंगे, इसकी उन्होंने उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा कि उद्योग व्यापार से सम्बन्धित जितनी भी नीतियां प्रदेश में बनायी गयी हैं उन्हें और सुगम एवं लचीला बनाया जायेगा ताकि उद्यमियों एवं व्यापारियों को बेहतर सुविधा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थनीति अच्छी होगी तो देश प्रदेश का बेहतर विकास होगा। राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के विकास सड़कों के निर्माण से सुविधायें बढ़ेंगी तथा उद्यमियों को सुविधा होगी।
केन्द्र के सहयोग से प्रदेश में कनेक्टीवीटी का विस्तार हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मार्गदर्शन मिलता रहता है। जनपद उधम सिंह नगर एवं हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों के सुविधा के लिये अनेक बाईपास सड़कों का निर्माण के लिये केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गड़करी ने 32 हजार करोड़ की धनराशि प्रदान करने की सहमति प्रदान की है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के तहत बनने वाले एलिवेटेड रोड के लिये 12 हजार करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। रेल सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। हवाई सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। हमारा उदेश्य उद्यमियों के साथ ही राज्यवासियों को बेहतर सुविधाये प्रदान करना अच्छे वातावरण से ही विकास की राह प्रशस्त होगी। उन्होंने सभी से इनमें सहयोगी बनने की अपेक्षा भी की है।
इस अवसर पर महानिदेशक उद्योग श्री रोहित मीणा, निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल, उपनिदेशक श्री अनुपम द्विवेदी, औद्योगिक संगठनों से पंकज गुप्ता, विश्वास डाबर, हरेन्द्र गर्ग, महेश शर्मा सहित उपादान प्राप्त करने वाले 23 उद्योगों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।