यमुनोत्री-गंगोत्री धाम आने वाले तीर्थयात्री अच्छे अनुभव के साथ लौटें: आईजी
-यात्रा मार्ग पर बेहतर ट्रैफिक प्लान, उचित पार्किंग और सुविधाओं को लेकर तैयार की एसओपी
-यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों की आर्थिकी, आजीविका और रोजगार का भी रखा जाएगा ध्यान
-डीजीपी के मार्फत सरकार को सौंपी जाएगी यात्रा एसओपी, भविष्य की यात्रा पर भी फोकस
-तीर्थयात्रियों को किसी तरह की दिक्कतें न हो, इसका रखना होगा पूरा ख्याल
उत्तरकाशी। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाओं के रिव्यू करने गए आईजी (पीएसी) अरुण मोहन जोशी ने दोनों धामों का भ्रमण कर विस्तृत एसओपी तैयार कर ली है। एसओपी में तीर्थयात्रियों को यात्रा मार्ग पर किसी तरह की दिक्कतें न उठाने पड़े और देवभूमि से अच्छे अनुभव के साथ लौटें, इसका पूरा ख्याल रखे जाने की पैरवी की गई है। साथ ही यात्रा को स्थानीय अर्थव्यवस्था, आजीविका और रोजगार से कैसे जोड़ा जाए, इसको भी ध्यान में रखा गया है। इधर, आईजी ने कुछ स्थानों पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सड़क की भौगोलिक स्थिति की देखते हुए मौके पर ट्रैफिक संचालन में सुधार के निर्देश दिए हैं। इससे दोनों धामों में तीर्थयात्रियों की सुगम और सुव्यवस्थित आवाजाही होने लगी हैं।
चारधाम में तीर्थयात्रियों के बढ़ते दबाव पर सरकार ने सीनियर और अनुभवी अधिकारियों को यात्रा व्यवस्थाओं के रिव्यू को भेजा है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की जिम्मेदारी तेज तर्रार आईपीएस आईजी अरुण मोहन जोशी को दी थी।
जोशी ने देहरादून से विकासनगर, डामटा, नौगांव, बड़कोट, खारदी, पालीगाड़, स्याना, राणाचट्टी, जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री पैदल मार्ग होते हुए धाम तक यात्रा व्यवस्था को देखा। इस दौरान बेहतर ट्रैफिक प्लान, बैरियर सिस्टम, गेट सिस्टम, होल्डिंग पॉइंट और पार्किंग स्थलों का निरीक्षण किया। साथ ही अलग अलग स्थानों पर तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों तथा यात्रा से जुड़े व्यवसायियों से फीडबैक लिया। यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग में घोड़ा, कंडी, डंडी संचालन से लेकर मंदिर में भीड़ प्रबंधन को देखा। इस दौरान मंदिर समिति के पदाधिकारियों से बातचीत कर आईजी जोशी ने यात्रा व्यवस्थाओं में सहयोग देने को कहा। ताकि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की अव्यवस्था न उठाने पड़े। यमुनोत्री धाम से नीचे उतर कर आईजी ने गंगोत्री रूट के सिलक्यारा, ब्रह्मखाल, धरासू, डुंडा, मातली, उत्तरकाशी शहर, नेताला, मनेरी, भटवाड़ी, गंगनानी, सुक्की, हर्षिल से लेकर गंगोत्री तक सभी पड़ावों पर व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान गंगोत्री धाम में तीर्थयात्रियों, यात्रा व्यवस्था में जुटे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की। आईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि धामों के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने बेहतर प्रबंधन किये हैं। धामों में क्षमता से अधिक दर्शनार्थियों की भी को नियंत्रित करने को इस सीजन के साथ भविष्य के लिए भी एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार की जा रही है। सभी तीर्थयात्रियों को अच्छे से दर्शन हो तथा रास्ते से लेकर धाम तक कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर तीर्थयात्री अच्छे अनुभवों के साथ लौटें, इसका ख्याल रखा जा रहा है। आईजी ने बताया कि विस्तृत एसओपी तैयार कर वह पुलिस महानिदेशक के मार्फत सरकार को सौंपेंगे। ताकि वर्तमान यात्रा के साथ भविष्य की यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर अभी से तैयारी शुरू हो सके। उधर, बताया जा रहा है कि आईजी जोशी ने यात्रा को लेकर बनाई गई एसओपी में तीर्थयात्रियों के सुगम, सुव्यवस्थित और सुरक्षित यात्रा के साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी, आजीविका और रोजगार पर भी विस्तृत रिपोर्ट बनाई है। इसमें स्थानीय उत्पादों को बाजार, होम स्टे से लेकर धामों के आसपास के पर्यटक स्थलों और धार्मिक स्थलों की तरफ कैसे तीर्थयात्री आकर्षित हो, इसको भी भविष्य की एसओपी में शामिल किया जाए।
आईजी में 1 घण्टे में चढ़ी 6 किमी की चढ़ाई
यमुनोत्री धाम में जानकीचट्टी से धाम तक 6 किमी की खड़ी चढ़ाई है। इस दूरी को पार करने में 2 से 3 घण्टे लगते हैं। लेकिन आईजी अरुण मोहन जोशी ने यह दूरी तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और व्यवस्थाओं का रिव्यू करते हुए 1 घण्टे में पूरी की है। इस पर यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, उपाध्यक्ष राजेश्वर उनियाला और पूर्व सचिव ने आईजी की तारीफ की है। कहा कि आईजी जोशी के आने से पैदल मार्ग से लेकर धाम तक कई व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है।उधर, गंगोत्री धाम में अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल समेत अन्य ने आईजी से यात्रा व्यवस्था को लेकर चर्चा की।