देहरादून एक पुराना गीत है “इंतहा हो गई इंतजार… की” ये गीत मौजूदा परिस्थितियो में राज्य में प्रस्तावित आईपीएस अफसरों के तबादलाे पर सटीक बैठक रहा है। तमाम चर्चा वार्ता फाइनल डिसक्शन के बावजूद अमृत मंथन नही निकल सका है। ब्यूरोक्रेसी में इसके अलग अलग मायने निकाले जा रहे है। सूत्र बताते है कि अब 15 अगस्त के बाद ही तबादले होगें ऐसी सूरत बनती दिख रही है। हलांकि सरकार जब चाहे जिसका तबादला कर सकती है। इसके लिये कोई दिन समय मायने नही रखता है।
सूत्रों की मानें तो बीते छह माह से जिन पांच आईपीएस अफसरों के डीआईजी पद पर प्रमोशन के लिये खास चर्चा वार्ता नही थी। आईपीएस अफसरों के विशेषकर कप्तानों के ट्रांसफर के ठीक पहले इनका दर्द भी दिखाई देने लगा है। इसके पीछे जानकार दो कयास लगाते है मौजूदा समय में तीन जिले उधमसिंहनगर,दून,हरिदार में सीधे सीधे इन अफसरों को डीआईजी बनते ही हटना होगा। यदि ये प्रमोशन पहले न होते तो कुछ जूनियर अफसरों को जो कुछ खास करीबी सीनियर अफसरों के माने जाते है उन्हे शायद मौका न मिल पाता। वहीं जानकारों का एक पक्ष ये भी कहता है कि सरकार प्रमोशन करने का सही निर्णय़ ले रही है ताकि उसे बार बार अलग अलग तबादला सूची पर मंथन न करना पडे। मौजूदा परिस्थितियों पर अगर दौर करें तो 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व की संवेदनशीलता के साथ साथ पुलिस महकमे में जारी ग्रेड पे के संग्राम को लेकर बीते दिनों हुए विशाल आंदोलन के मद्देनजर भी संवेदनशील हो सकता है। अब बात प्रमोट होने वाले अफसरों को लेकर मौजूदा समय में राज्य के 5 आईपीएएस अफसर प्रमोट होकर डीआईजी बनेंगें,सदानंद दाते जो कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है को छोड दें तो अन्य अफसरों के सामने दून आने पर आवास कामकाज से लेकर दफ्तर की एक बडी संमस्या होगी मौजूदा समय में पुलिस मुख्यालय में जगह की बेहद कमी है। मौजूदा समय में ही तीन तीन डीआईजी रैंक के अफसर सरकारी आवास न होने पर फ्लैट मकान किराये पर लेकर परिवार समेत रह रहे है।
दून जिला डीआईजी रैंक करीब एक वर्ष पूर्व तत्कालीन गृह सचिव नितेश झा ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर कानून व्यवस्था व अन्य विषयों की समीक्षा लेते हुए कई निर्देश दिये थैे। इसके ठीक बाद ये भी तथ्य सामने आया था कि दून जिले की संवेदनशीलता को देखते हुये सीनियर अफसर डीआईजी रैंक के लिये इस जिले के कप्तान पद को प्रमोट कर दिया जाए हलांकि ये प्रस्ताव कहाँ है इस पर क्या निर्णय हुआ ये साफ नही है।