केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) इलाहाबाद की नैनीताल स्थित सर्किट बेंच ने प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को पद से हटाने और उनके स्थान पर विनोद कुमार सिंघल को नियुक्त किए जाने के मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने भरतरी का तबादला करने के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को उन्हें तत्काल प्रभाव से उसी पद पर बहाल करने के आदेश दिए हैं। पूर्व में उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल की खंडपीठ ने राजीव भरतरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनसे कहा था कि वह अपने तबादला आदेश को कैट इलाहाबाद में चुनौती दें और कैट को निर्देश दिए थे कि वह इस मामले की शीघ्र सुनवाई करे। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि इस दौरान नवनियुक्त विभागाध्यक्ष कोई बड़ा निर्णय न लें।
न्यायमूर्ति ओम प्रकाश की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने याचिका दायर कर कहा था कि वह भारतीय वन सेवा के राज्य के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं लेकिन सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका स्थानांतरण प्रमुख वन संरक्षक पद से जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया था जिसे उन्होंने संविधान के खिलाफ माना।
इस संबंध में उन्होंने सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों पर कोई सुनवाई नहीं की। राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है जिसमें उनके सांविधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। आरोप है कि तत्कालीन वन मंत्री एक अधिकारी के समर्थन में राजीव भरतरी को पीसीसीएफ पद व कार्बेट पार्क में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे।