देहरादून। उत्तरकाशी के डामटा में यमुनोत्री नेशनल हाईवे – 123 पर हुए सड़क हादसे का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। विभागीय मंत्री नितिन गडकरी ने हादसे के कारणों को जानने और सेफ्टी ऑडिट के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन की तीन सदस्यीय टीम को मौके पर भेजा है। तीन सदस्यीय टीम मौके पर पहुंचकर सेफ्टी ऑडिट से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर राज्य और केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को सौंपेगी। जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जरूरी उपाय किए जा सकेंगे। बताते चलें कि सेव लाइफ फाउंडेशन एक स्वतंत्र और गैर लाभकारी संगठन है, जो भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में सड़क सुरक्षा और आपतकालीन चिकित्सा जैसे मामलों में सुधार के लिए अपनी सेवाएं देता है।
मुख्यमंत्री धामी के औचक निरीक्षण के बाद लापरवाह अफसरों को नोटिस हुए जारी में
देहरादून। राज्य सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से नदारद नोडल अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अपर सचिव, आपदा प्रबंधन आनंद श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है। बीते रविवार पांच जून को यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर डामटा रिखाऊं खड्ड के पास हुए सड़क हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन का औचक निरीक्षण ने नाराजगी जाहिर की थी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री रात करीब 8:45 बजे कंट्रोल रूम पहुंचे थे, लेकिन सात बजे की घटना का पौने दो घंटे बाद भी कंट्रोल रूम में मौजूद कर्मचारियों के पास अपडेट नहीं था। इस पर भी मुख्यमंत्री ने प्रत्यक्ष रूप से नाराजगी जाहिर की थी। मंगलवार को इस संबंध में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला की ओर से कंट्रोल रूम में तैनात तमाम विभागों के नोडल अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित नोडल अधिकारियों में से केवल पांच विभागों जल संस्थान, परिवहन, एसडीआरएफ, जल संस्थान और स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी ही उपस्थित पाए गए। अनुपस्थित अन्य विभागों के नोडल अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर तत्काल जवाब देने को कहा गया है।