
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा – उत्तराखंड ने 25 वर्षों में विकास और महिला सशक्तिकरण की नई ऊँचाइयाँ छुईं
देहरादून, 3 नवम्बर 2025।
उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती के ऐतिहासिक अवसर पर सोमवार को देहरादून स्थित विधानसभा के विशेष सत्र में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राज्य की प्रगति और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि बीते पच्चीस वर्षों में उत्तराखंड ने विकास, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में उत्तराखंड राज्य का गठन जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई दशकों में राज्य ने संतुलित विकास की दिशा में प्रभावशाली प्रगति की है और आज यह प्रदेश Digital और Physical Connectivity के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मानव विकास के कई मानकों पर राज्य ने सुधार किया है — साक्षरता बढ़ी है, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है, और स्वास्थ्य सेवाएं अधिक सुलभ हुई हैं। उन्होंने विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल, गौरा देवी, राधा भट्ट और वंदना कटारिया जैसी असाधारण महिलाओं की परंपरा नई प्रेरणा देती है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विधान सभा द्वारा राज्य की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण की नियुक्ति महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि अध्यात्म और शौर्य की प्रतीक है — यह भूमि कुमाऊं और गढ़वाल रेजिमेंटों की वीरता से लेकर ऋषि-मुनियों की तपस्थली तक की गौरवशाली परंपरा को संजोए हुए है।
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर उत्तराखंड सरकार के कदम की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुरूप एक सराहनीय पहल है। उन्होंने पारदर्शिता और सामाजिक न्याय से प्रेरित लोकायुक्त, जमींदारी विनाश, भूमि व्यवस्था और नकल विरोधी विधेयकों के पारित होने पर भी विधान सभा के सदस्यों को बधाई दी।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि विधान सभाएं लोकतांत्रिक प्रणाली का प्रमुख स्तंभ हैं और विधायक जनता तथा शासन के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि यदि जन-प्रतिनिधि सेवा भावना से जनता के कल्याण के लिए कार्य करेंगे, तो जनता और जन-प्रतिनिधियों के बीच विश्वास का बंधन सदैव मजबूत रहेगा।
उन्होंने सभी विधायकों से आग्रह किया कि विकास और जनकल्याण के कार्यों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आगे बढ़ाएं, विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों और युवाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करें।
राष्ट्रपति ने National Electronic Vidhan Application (NeVA) की शुरुआत को उत्तराखंड विधान सभा के डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि इसके माध्यम से विधायकों को अन्य विधानसभाओं के श्रेष्ठ कार्यों को समझने और अपनाने का अवसर मिलेगा।
अपने संबोधन के अंत में राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक संपदा का संरक्षण करते हुए राज्य को विकास के मार्ग पर आगे ले जाना ही सच्ची सफलता है। उन्होंने राज्य के सभी निवासियों के स्वर्णिम भविष्य और राष्ट्र की समृद्धि की मंगलकामना की।
धन्यवाद, जय हिन्द, जय भारत!

