देहरादून महाजनसंपर्क अभियान के बाद उत्तराखंड सरकार के मंत्री मंडल में बडा फेरबदल ज्बकि संगठन में भी कुछ परिवर्तन हो सकते है। दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के मध्य दो दिनों तक हुई लंबी मैराथन बैठक के बाद देश के अलग अलग राज्यों के साथ साथ उत्तराखंड कैबिनेट का विषय चर्चा में आया है। उत्तराखंड़ में कार्यकर्ताओं को दायित्व दिये जाने का मामला भी केंद्र के ग्रीन सिग्नल का इंतजार कर रहा है। उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री रैंक के तीन पद खाली है ज्बकि एक कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद अब कैबिनेट मेंं कुल चार सीटें रिक्त हो गई हैा जानकारों की ्मानें तो 30 जून के बाद .ये बडा परिवर्तन दिख सकता है।
जानकारों की मानें तो बेहद विवादो में रहने वाले मंत्रियों से पार्टी आलाकमान किनारा करते हुये मिशन लोकसभा चुनाव को देखते हुय़े नये चेहरों पर दांव खेल सकता है ज्बकि एक कैबिनेट मंत्री को लोकसभा चुनावों के बाबत मंत्रीमंडल से मुक्त किया जा सकता है।उत्तराखंड को लेकर बहुत ज्यादा जल्दबाजी न होने की वजह चुनावी राज्यो में पार्टी का फोकस हिमांचल व कर्नाटक चुनावों के बाद और ज्यादा बढ गया है। दायित्तव वितरण को लेकर भले ही उत्तराखंड के बडे नेता जल्द इसे ग्रीन सिग्नल दिये जाने का दावा कर रहे हो लेकिन दिल्ली से इस पर फिलहाल ब्रेक है। चर्चाओं की मानें तो उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों में सभी पांच सीटों पर विजय श्री हासिल करने के लिये केंद्रीय नेतृत्व बेहद चिंतित और कोई कोर कसर छोडने को तैयार नही है।