मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए बताया कि एनजीटी द्वारा जारी आदेशों के क्रम में प्रत्येक जनपद में पर्यावरण से सम्बन्धित एक समिति गठित की जाएगी एवं जिन राज्यों में गंगा बहती है, उन राज्यों में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक पर्यावरण सेल होगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में पर्यावरण सेल का गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि गंगोत्री से ऋषिकेश तक का पानी पीने योग्य है एवं ऋषिकेश से हरिद्वार से आगे जहाँ तक राज्य की सीमा है, वहाँ तक पानी नहाने योग्य है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले तक पानी शुद्ध बना रहे।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 32 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनने थे, जिनमें से 29 बनकर तैयार हो चुके हैं और फंक्शनल हो चुके हैं। शेष 03 में से 02 दिसम्बर तक एवं 01 मार्च तक बन कर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा के तटवर्तीय शहर हैं उनमें साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रोजेक्ट्स के लिए 35 प्रतिशत धनराशि भारत सरकार देती है। 65 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार वहन करती है। भारत सरकार को 17 प्रोजेक्ट्स भेजे गए थे उन प्रोजेक्ट्स की प्रथम किस्त जारी कर दी गयी है। इन प्रोजेक्ट्स में एक माह के भीतर कार्य शुरू हो जाएंगे।