देहरादून उधमसिंहनगर में आबकारी महकमे के कारनामे जारी है एक नया बडा मामला फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर संचालित करने का सामने आया है। कुमाऊं में तैनात आबकारी विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी ने शासन को अपनी रिपोर्ट भी भेज दी है
शराब की दुकानों में हुए एक बड़े गड़बड़झाले की वजह से आबकारी विभाग फिर एक बार सुर्खियों में आ गया है बताते चले की उधम सिंह नगर जिले में आबकारी विभाग से आवंटित की गई देसी और अंग्रेजी शराब की 12 दुकानों के लिए लगाई गई बैंक गारंटी फर्जी पाई गई है बताया गया है कि रामपुर जिले के जिस राष्ट्रीय बैंक से गारंटी बना कर विभाग में जमा की गई है वहां के प्रबंधन ने दस्तावेज बैंक से बने होने से इनकार कर दिया है बताया जा रहा है कि मामले को दबाने के लिए विभाग में जमा किए गए फर्जी बैंक गारंटियों को बदलने की कोशिश की जा रही है दिलचस्प बात यह है कि जिले का आबकारी महकमा ऐसे किसी गड़बड़ी से मुखर रहा है जो कि सबके सामने उजागर हो चुकी है जबकि सहायक आयुक्त ने जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ने की पुष्टि की है आबकारी विभाग ने कुछ समय पहले दूसरे चरण में 20 से अधिक शराब की दुकानों का आवंटन किया था शराब की दुकानों के अवेज में आबकारी विभाग को शराब कारोबारी ने प्रतिभूति की आवेज में 31 मार्च 2024 तक की बैंक गारंटी जमा कर दी थी इसके बाद दुकानों का संचालन हो रहा था कुछ दिन पहले उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो उन्होंने दुकानों की बैंक गारंटी की जांच की इनमें से 12 दुकानों की बैंक गारंटी रामपुर जिले के मसवासी स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से बनी हुई है एक ही बैंक से बैंक गारंटी बने होने से आबकारी अफसर का माथा ठनक गया आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त के के कांडपाल ने जब इसकी जांच पड़ताल कि तो पता चला कि यह दस्तावेज बैंक की ओर से जारी नहीं किए गए थे लेकिन दस्तावेजों में बैंक की मोहरों के साथ उनके जारी करने वाले अधिकारियों के हस्ताक्षर भी है माना जा रहा है कि बैंक के किसी कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभक्त हो सकती है जबकि चर्चा है की एक दिन में ही इन फर्जी बैंक गारंटी को मंजूरी दिए जाने के साथ ही इसके एवज में भी बड़ा खेल हुआ है।
बकारी आयुक्त एच सी सेमवाल ने कहा कि मामले में अधिकारियों से जानकारी ली जा रही है इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।फिलहाल यह मामला सुर्खियों मे बना हुआ है।