राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। विधानसभा से भेजे गए इसके विधेयक को राजभवन की मंजूरी मिल गई है। सरकार का मानना है कि इससे खिलाड़ियों का पलायन रुकेगा।
राज्य के खिलाड़ियों को नौकरी में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की पूर्व में व्यवस्था की गई थी, लेकिन वर्ष 2013 में हाईकोर्ट ने इसके शासनादेश को रद्द कर दिया था। इसके बाद से खिलाड़ियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए पूर्व में कार्मिक और न्याय विभाग की सहमति मिल गई थी।
विधानसभा में विधेयक लाए जाने के बाद इसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। राजभवन से मंजूरी मिलते ही यह कानून बन गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नौकरी के लिए चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी की व्यवस्था से खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
निजी विवि संशोधन विधेयक भी मंजूर
उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को भी मंजूरी मिल गई है। आम्रपाली विश्वविद्यालय को निजी विश्वविद्यालय के रूप में अधिनियम में शामिल किया गया है।