देहरादून उत्तराखंड राज्य में कई दिनों से चल रही आईपीएस अफसरों के तबादलों की चर्चाओं पर विराम लग गया है और आखिरकार तबादला सूची जारी हो गई है महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तैनाती में कार्यशैली और आमजन से बेहतर व्यवहार को खास तरजीह दी है यही वजह है कि एसडीआरएफ कमांडेंट रहे मणिकांत मिश्रा को सबसे अहम और संवेदनशील जिले उधम सिंह नगर की बागडोर सौंपी गई है राज्य में बीते लंबे अर्से से जारी अलग अलग प्राकृतिक आपदा काल में मणिकांत मिश्रा ने जिस प्रकार पूरी एसडीआरएफ टीम को साथ लेकर फ्रंट फुट से लीड
किया और कई बड़े ऑपरेशंस को लीड किया सभी ऑपरेशंस में शत प्रतिशत सफलता भी मिली है यह भी महत्वपूर्ण है किन सभी अलग-अलग मामलों में मुख्यमंत्री खुद भी ऐसे घटनास्थलों में मौके पर गए है।हालिया बड़ी घटनाओं की बात करें तो ट्रैकिंग पर गए पर्यटक ऑन के बर्फ में फंसने के बाद रेस्क्यू का मामला रहा हो सिलक्यारा टनल में श्रमिकों के फंसने का मामला हो या फिर 31 जून को आई केदारनाथ और आसपास की त्रासदी की घटनाएं यह सभी मामले राष्ट्रीय स्तर के थे
और राष्ट्रीय मीडिया में भी खास सुर्खियों में थे इन सभी मामलों में और इसके अलावा कई छोटी बड़ी घटनाओं में एसडीआरएफ की कार्यशाली की खासी प्रशंसा सोशल मीडिया से लेकर आम जन के बीच रही जिस वजह से मणिकांत मिश्रा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भरोसा भी जताया हैं 15 अगस्त के दिन स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मणिकांत मिश्र को मेडल लगाकर सम्मानित भी किया था
वहीं इसी प्रकार टिहरी जिले में कप्तान बनकर गए आयुष अग्रवाल ने एसटीएफ में शानदार काम किया है एसटीएफ विवादों से दूर रही और कई राष्ट्रीय स्तर के ऑपरेशन को उसने सफलतापूर्वक पूर्ण किया इतना ही नहीं कई राष्ट्रीय स्तर के मामलों का खुलासा उत्तराखंड की एसटीएफ ने किया यह भी आयुष अग्रवाल की तैनाती के पीछे अहम वजह है बेदाग छवि और शांत सरल व्यवहार भी उनकी तैनाती का एक अहम कारण हैं।