रुड़की। के ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता के तबादले को लेकर पूरी रात चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद शासन ने अपना फैसला बदलते हुए उन्हें फिर से पूर्व स्थान में तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए।
महज 24 घंटे में तबादला होने के बाद अधीक्षण अभियंता समेत चार पर सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किए जाने और इसके बाद उनके स्थानांतरण आदेश को निरस्त किए जाने की घटना दिनभर चर्चा का विषय बनी रही। विवाद के बाद अधीक्षण अभियंता मुनीश चंद्रा को रातभर कोतवाली में बैठाए रखने के बाद शनिवार सुबह करीब 11 बजे नोटिस देकर छोड़ दिया गया।
अन्य तीन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। वहां कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी लेकिन बात यही खत्म नहीं हुई। अधीक्षण अभियंता दोपहर को ही देहरादून के लिए रवाना हुए। इसी बीच शाम चार बजे तक उनके स्थानांतरण निरस्त होने के आदेश जारी हो गए। वहीं
ईई को पुलिस ने हिरासत में लिया, मुकदमा दर्ज किया स्थानांतरण हुआ रद्द
तो आचार संहिता का नहीं किया गया
पालन
हरिद्वार जिले में चुनाव आचार संहिता लागू है। इसके बावजूद प्रबंध निदेशक ने ऊर्जा निगम के चार अधिकारियों के तबादले कर दिए । शुक्रवार शाम तक शासन के अधिकारी अधीक्षण अभियंता पर चार्ज देने का दबाव बनाते रहे। वहीं शनिवार को अधिकारियों को आचार संहिता की याद आ गई। प्रबंध निदेशक की ओर से स्थानांतरण निरस्त करने के आदेश में बताया गया है कि हरिद्वार में पंचायत चुनाव के कारण आचार संहिता प्रभावी है। इसके चलते स्थानांतरण के सभी आदेश निरस्त किए गए हैं।
अन्य तीन स्थानांतरण के आदेशों को भी निरस्त कर दिया गया। | दो दिन चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे की चर्चा राजनीतिक हलकों में केंद्र में बनी रही। संवाद