देहरादून प्रदेश में रोजगार निवेश और पर्यटन को पंख लगाने की दिशा में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु ने कैबिनेट बैठक में हुए फैसले के क्रम में ईकोटूरिज्म की गतिविधियों में रेवेन्यू शेयरिंग के संबंध में। विस्तृत आदेश जारी कर दिए है
(1) संरक्षित क्षेत्रों से बाहर वन क्षेत्रों में नये ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन्स में विभिन्न मदों यथा प्रवेश
शुल्क, साहसिक गतिविधियों, पार्किंग स्थगन सुविधाओं, कैम्पिंग आदि में लिये जाने वाले शुल्क का
निम्न प्रकार रेवेन्यू शेयरिंग के माध्यम से पुनर्निवेश (Plough Back) किया जायेगा-
वर्ष
राजस्व अंश
इकोटूरिज्म साइट्स के संचालन / रख-रखाव हेतु अंश
प्रथम 1 वर्ष
आगामी वर्षों में
10%
90%
80%
20%
ऐसे ईकोटूरिज्म डेस्टिनेशन जिनकी व्यय के उपरान्त अवशेष धनराशि जिस भी समय रू० 5.00 करोड़ से अधिक होगी तो रू0 5.00 करोड़ से ऊपर की धनराशि राजस्व मद में जमा की
जायेगी।
राजस्व अंश
10%
| ईकोटूरिज्म साइट्स के संचालन / रख-रखाव एवं विकास हेतु अंश
90%
(2) पंचायती वनों में ईकोटूरिज्म गतिविधियां करने पर रेवेन्यू शेयरिंग निम्न प्रकार किया जायेगाः
वन पंचायत, सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी को प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी तथा जनपद स्तरीय ईकोटूरिज्म समिति द्वारा अनुमोदन के उपरान्त ईकोटूरिज्म गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी।
(3) पूर्व से संचालित ईको टूरिज्म गतिविधियों के तहत आरक्षित वन क्षेत्रों में विभिन्न डेस्टिनेशन्स, ईको पार्क, नेचर पार्क, वाटर फॉल, वन्यजीव / नेचर सफारी आदि संचालित किये जा रहे हैं। इन इकोटूरिज्म डेस्टिनेशन / गतिविधियों के उचित संचालन रख-रखाव एवं विकास हेतु निम्न प्रकार रेवेन्यु शेयरिंग होगा:-
राजस्व अंश
ईकोटूरिज्म साइट्स के संचालन / रख-रखाव हेतु अंश
20%
80%
1/2
(4) उत्तराखण्ड ईको टूरिज्म डेवलपमेन्ट कारपोरेशन की स्थापना कम्पनी अधिनियम 2013 के अन्तर्गत वर्ष 2016 में की गई है। जिन ईकोटूरिज्म डेस्टिनेशन्स को कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित किया जायेगा, उनमें ईकोटूरिज्म गतिविधियों से प्राप्त होने वाले शुल्क का रेवेन्यु शेयरिंग निम्न प्रकार होगा:-
राजस्व अंश
20%
ईकोटूरिज्म साइट्स के संचालन / रख-रखाव हेतु अंश
B0%
ईको टूरिज्म साइट्स के संचालन एवं रख-रखाव हेतु प्राप्त अंश का उपयोग कॉर्पोरेशन द्वारा अन्य संस्थाओं यथा ई०डी०सी०, जैव विविधता प्रबन्ध समिति (BMC), वन पंचायत, पी०पी०पी० के माध्यम से भी कराया जा सकेगा।
(5) इकोटूरिज्म गतिविधियों के संचालन में स्थानीय नागरिकों को स्वरोजगार के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दी जायेगी तथा उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली आतिथ्य एवं अन्य सेवाओं से होने वाली प्राप्ति से राजस्व का कोई अंश देय नहीं होगा रेवेन्यु शेयरिंग मॉडल को लागू किये जाने के पांच वर्षों के उपरान्त उपरोक्त व्यवस्थाओं की समीक्षा की जायेगी। रेवेन्यु शेयरिंग मॉडल को लागू किये जाने हेतु सम्बन्धित प्रभाग को पुनर्निवेश (Plough Back) अंश की धनराशि को जमा करने हेतु किसी बैंक में पृथक इन्ट्रेस्ट बियरिंग एकाउन्ट खोला जायेगा। संचालन रख-रखाव व वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्य मद में किये जाने वाले कार्यों का प्रस्ताव सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा तैयार कर सम्बन्धित वन संरक्षक से अनुमोदन प्राप्त किया जायेगा। पुनर्निवेश (Plough Back) अंश की बैंक खाते में जमा धनराशि व इससे किये जाने वाले व्यय का पूर्ण लेखा-जोखा नियमानुसार रखा जायेगा।
(6) ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन्स को विकसित किये जाने में उत्कृष्ट कार्य हेतु जनपदों को तीन पुरस्कार (प्रथम पुरस्कार रू0 1.00 करोड, द्वितीय पुरस्कार रू0 75.00 लाख एवं तृतीय पुरस्कार स० 50.00 लाख) से पुरस्कृत किया जायेगा, जो ईको-टूरिज्म के अग्रेत्तर विकास हेतु व्यय किया जायेगा जिस जनपद को वर्ष विशेष में प्रथम स्थान प्राप्त होगा उस पर अगले तीन वर्षो तक इस देवविचार नहीं किया जायेगा।