देहरादून उत्तराखंड में राज्य सरकार इन दिनों कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बुरी तरह घिरी हुई है। पार्टी नेता सांसद ही खुलकर मुखर हो रहे है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की नाराजगी के बाद आबकारी महकमे की नींद टूटी और ताबड़तोड छापेमारी करते हुये ओवररेटिंग से लेकर शराब ठेकों पर पाए जाने वाली अनियमित्तताओं का खुलासा होने लगा है। प्रदेश में हुई इस कार्रवाई की असल वजह ऋषिकेश व आसपास शराब की तस्करी व दूसरी कई गंभीर शिकायतें होना था। राजधानी के पुलिस कप्तान की सख्ती के बाद जहाँ 37 पुलिसकर्मी हटा दिये गये वहीं एस ओ जी देहात को भंग कर दिया गया है।इलाके में सक्रिय शराब तस्करों की थाना परेड शुरु हो गई है। ज्बकि सीधे और सबसे पहले जिम्मेदार आबकारी महकमे में सन्नाटे का आलम है।यहाँ किसी की न तो जिम्मेदारी तय की जा रही है न ही किसी से कोई सवाल जबाव हो रहा है ।
सूत्रों की माने तो पुलिस को कुछ ऐसी जानकारी मिली है कि आबकारी महकमे के ही इलाके के जिम्मेदार भी इस शराब तस्करी के खेल में अघोषित रूप से पांच रूपये प्रति पव्वा के हिसाब से शामिल है। बीते लंबे अर्से से ये ठेका प्रथा चल रही है।
कई वरिष्ठ अधिकारी दबी जुबान में ऐसी स्थिति को महकमे के लिये घातक भी मान रहे है। लेकिन कुछ प्राइवेट लोगो के सामने आबकारी महकमा बेबस और साबित हो रहे है।।महकमे के एक बड़े अधिकारी तो यहाँ तक कहते है कि एक दो दिन का ये दिखावा चल रहा है किसी का कुछ नही होगा सिर्फ एक औपचारिकता पूर्ण की जा रही है।। आपको बताते चलें कि पत्रकार की शराब माफियाओं ने बुरी तरह पिटाई की थी और घटना पूरे देश में सुर्खियो में है कल पीडित पत्रकार से स्वयं सांसद हरिदार त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी भेंट की है