देहरादून राज्य पुलिस कल पूरे देश की तरह ही पुलिस स्मृति दिवस मनाने जा रही है। इस बार की परेड में कोरोना इफेक्ट भी दिखेगा साथ ही सोशळ डिस्टेसिंग के पालन पर भी पूरा फोकस होगा। राज्य में इस वर्ष में 6 पुलिसकर्मी डयूटी के दौरान शहीद हुये है।अन्य प्रस्ताव भी है जिनकी जानकारी कल सीधे पुलिस लाइन में आयोजन के समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देंगें। आईजी पुलिस मुख्यालय पुष्पक ज्योति के मुताबिक घोषणाओं के बाबत सीएम के स्तर से ही ऐलान किया जाना है अभी इसकी कोई जानकारी नही है।
क्यो मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस पुलिसकर्मियों का शौर्य और बलिदान का इतिहास है। उन्होंने चीन के साथ हमारी सीमा की रक्षा करते हुए जो बलिदान दिया था, उसकी याद में हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।1959 में चीन से लगी हमारी सीमा की रक्षा करते हुए 21 अक्टूबर को 10 पुलिसकर्मियों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन पुलिसकर्मियों के बलिदान के सम्मान में हर साल 21 अक्टूबर को नैशनल पुलिस डे या पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। पहले तिब्बत के साथ भारत की 2,500 मील लंबी सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों की थी।
स्मृति दिवस मनाने का फैसला
जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों का वार्षिक सम्मेलन हुआ। उस सम्मेलन में लद्दाख में शहीद हुए उन वीर पुलिसकर्मियों और साल के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया। उनके सम्मान में हर साल 21 अक्टूबर को ‘स्मृति दिवस’ मनाने का फैसला हुआ।