देहरादून एसएसपी दून योगेंद्र रावत ने आदेश दिये है कि प्रत्येक कर्मी को अनिवार्य रूप से उसके जीपीएफ खातों से संबंधित पुस्तिका दिखाकर कराये जाए हस्ताक्षर एम0वी0 एक्ट में चालानी कार्रवाई के दौरान संयोजन शुल्क में नकदी के बजाय ई – चालान के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को अधिक बढ़ावा दिया जाए।
एसएसपी ने पुलिस कार्यालय स्थित आंकिक शाखा का वार्षिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा आंकिक शाखा में रखे अभिलेखों के अवलोकन के दौरान पाया कि थानों, सीपीयू तथा ट्रैफिक पुलिस द्वारा एम0वी0 एक्ट में जो चालान किये जा रहे है, उसकी धनराशि उनके द्वारा नगदी के रूप में पुलिस कार्यालय में जमा कि जा रही है जो पुलिस कार्यालय में माध्यम से बैंकों में जमा की जाती है, जिससे भविष्य में गंम्भीर वित्तीय अनियमिताएं हो सकती है। साथ ही आगामी 7 मार्च तक प्रत्येक कर्मचारी की भविष्य निधि खाते की पुस्तिका को उक्त कर्मचारी को दिखाते हुये उसमें उसके हस्ताक्षर करवाकर इस बात को सुनिनिश्चित करने के निर्देश दिये गये की किसी कर्मचारी को अपने भविष्य निधि खाते मे जमा धनराशि के सम्बन्ध में कोई शंका अथवा आपत्ति तो नही है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के मदो में जिन कर्मचारियों से वसूली की जा रही है, उसके लिए एक अलग से रजिस्टर बनाते हुये प्रत्येक माह एक निश्चित अनुपात के रूप मे वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये, साथ ही स्पष्ट किया की यदि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही परिलक्षित होती है तो जवाबदेही एकाउन्टैन्ट की मानी जायेगी। साथ ही स्पष्ट किया कि यदि कोई पुलिस कर्मचारी अपने वेतन, जीपीएफ, चिकित्सा प्रतिपूर्ति आदि से सम्बधिंत कोई समस्या लेकर कार्यालय में आये तो उसका तत्काल उसी दिवस में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, यदि इसमें किसी प्रकार की हीलहवाली अथवा टरकाने वाली स्थित पायी जाती है, तो समबधित के विरूद्ध कडी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। पेंडिंग चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों की समीक्षा के दौरान उनके जल्द भुगतान हेतु अकाउंटेंट को निर्देशित किया गया।