जोशीमठ नरसिंह मंदिर मार्ग पर एक बार जल धारा फूट गई है। जल धारा के फूटने से यहां लोगों में दहशत है। पिछले एक घंटे से यहां लगातार पानी बह रहा है। क्षेत्र में इस खबर से भय बना हुआ है। वहीं भू-धंसाव के कारण दरारें पड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
भू-धंसाव के कारण संकट से जूझ रहे जोशीमठ के नरसिंह मंदिर मार्ग में फूटी जलधारा के बढ़े प्रवाह ने फिर चिंता बढ़ा दी है। जोशीमठ के सबसे निचले हिस्से में नगर से करीब नौ किमी दूर बदरीनाथ हाईवे पर मारवाड़ी में स्थित जेपी कॉलोनी में जलधारा दो जनवरी की रात फूटी थी। तब से लगातार मटमैला पानी निकल रहा है। रुड़की स्थित राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) के वैज्ञानिकों ने इस पानी के नमूने भी भरे हैं, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
दूसरी ओर जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास नीति जारी करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि जोशीमठ का अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि कितना क्षेत्र असुरक्षित है। उसी आधार पर पुनर्निर्माण कार्य किए जाएंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा की ओर से जारी शासनादेश में बताया गया कि वर्तमान में केंद्र सरकार के आठ तकनीकी संस्थान जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव का तकनीकी दृष्टि से परीक्षण कर रहे हैं।