कोरोना से संक्रमित काबीना मंत्री हरक सिंह रावत के भांजे को किसी तरह मैक्स अस्पताल में बेड तो नसीब हो गया, मगर वहां की व्यवस्था को लेकर रविवार मध्य रात्रि को वह बुरी तरह उखड़ गए। मरीजों को उनके भरोसे छोड़ने को लेकर वह अस्पताल प्रशासन पर बुरी तरह झल्लाए औऱ यहां तक कह डाला कि इस तरह के कृत्य के लिए जेल होनी चाहिए।समझा जानी चाहिए जब मंत्री हरक सिंह रावत जैसे सीनियर मिनिस्टर के साथ निजी अस्पताल के प्राइवेट लोगो का ये रवैया है तो आम जन के साथ क्या होता होगा। मंत्री हरक सिंह रावत का ये आक्रोश असल मे आमजन के आक्रोश है।
रविवार रात काबीना मंत्री हरक सिंह अपने भांजे को देखने मैक्स अस्पताल पहुंचे थे। वह चिकित्सा स्टाफ से आग्रह कर रहे थे कि उनके भांजे का ऑक्सीजन लेवल माप दिया जाए। आरोप है कि उनकी इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसी बीच दून के एक पार्षद को भी अस्पताल में लाया गया। उनकी हालत भी बहुत खराब दिख रही थी जब पार्षद की तरफ भी चिकित्सा स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया तो मंत्री बुरी तरह उखड़ गए।
उन्होंने कहा कि अस्पताल की संवेदना मर चुकी है और किसी भी व्यक्ति को अस्पताल मरने के लिए छोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि वह मंत्री हैं, जब उनके सामने अस्पताल प्रशासन का यह रवैया है तो आम आदमी को तो कुछ भी नहीं समझा जाता होगा। जब मंत्री ने मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी, तब कुछ चिकित्सक वहां पहुंचे और ऑक्सीजन मापने व उपचार देने का काम शुरू किया गया।