देहरादून सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत व मुख्य सचिव ओमप्रकाश के सर्वे चौक स्थित गढ़वाल कमिश्नर कैम्प कार्यालय के औचक निरीक्षण ने बड़ी सच्चाई सामने आई है।इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सबसे चौकाने वाली बात ये है कि जो पत्र कमिश्नर कार्यालय में रिसीव होता है उसकी एंट्री के लिए पौड़ी भेजा जाता है।निरीक्षण के दौरान कार्यालय में तैनात 11 कार्मिकों में से मौके पर केवल चार कार्मिक ही उपस्थित मिले। उपस्थिति पंजिका के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर रमन को निर्देश दिये कि जिन कार्मिकों के उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर नहीं है, उनका तत्काल वेतन रोका जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने लगभग एक घण्टे तक कमिश्नर कार्यालय की विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन किया। पत्र प्राप्ति रजिस्टर मांगे जाने पर कार्यालय में उपस्थित कार्मिकों ने जानकारी दी कि पत्र प्राप्त होने के बाद अंकन के लिए पौड़ी स्थित कमिश्नर कार्यालय में जाता है। यह पूछे जाने पर कि किसके आदेश पर यह व्यवस्था की गई है। कार्यालय के कार्मिकों ने जानकारी दी कि 2019 में तत्कालीन वैयक्तिक सहायक द्वारा इसके लिए मौखिक आदेश दिये गये थे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कमिश्नर गढ़वाल को निर्देश दिये कि यह कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।