देहरादून उत्तराखंड़ की नौकरशाही में फेरबदल की चर्चा बीते 3 माह से जारी है और तबादलों की सभी तैयारियां यूँ तो पूरी हो चुकी है लेकिन अभी शायद मौका और दस्तूर का इंतजार बरकरार है। पुलिस प्रशासनिक फेरबदल को लेकर अफसरों की भी धडकनें तेज है। हलांकि इतने समय से जारी चर्चा और आज कल के बीच अब वो उत्साह भी नजर नही आ रहा है। ब्यूरोक्रेसी के मजबूत सूत्र बताते हैं कि तबादले जून माह के बाद या यात्रा हल्की प़डने के समय किये जा सकते है। इसमें एक पेंच दो आईएएस अफसरों को लेकर भी फंसा हुआ है मौजूदा समय में एक आईएएस जो कि जिलाधिकारी के पद पर तैनात है उन्हे एक और भी बडे जिले का जिलाधिकारी बनाया जाना है. ज्बकि इसी जिले में तैनात आईएएस अफसर को भी कामकाज के आधार पर सरकार अहम पोस्टिंग पर जिम्मेदारी देना चाहती है। ऐसे में दोनो अफसरों की पोस्टिंग पर तकनीकि तौर से देखें तो मार्च में हुए एक आदेश की वजह से 30 जून से पहले निर्णय लिया जाना संभव नही लगता। सचिवालय में जानकार इशारा करते है कि अपर सचिव पद पर तैनात और एक अहम विभाग के अपर सचिव कुमाऊँ मंडल के एक अहम जिले में जिलाधिकारी बनकर जा सकते है।
पुलिस महकमे के लिहाज से चार बडे जिलों में फिलहाल किसी भी प्रकार के कोई परिवर्तन के आसार नही है सूत्रों की माने तो हाईलेवल से भी ऐसे कोई संकेत नही है परिस्थितिजन्य होने वाले व प्रमोशन के बाद होने वाली स्थिति में ही कोई तबादले संभव है। कुमांऊ मंडल के एक बडे जिले के कप्तान फिलहाल पूरी तरह सुरक्षित है .ये पहले कामकाज व दूसरी वजहों से कमजोर माने जा रहे थे । इन्होने एक बडे अधिकारी से भी मोर्चा ले रखा है। हलांकि पुलिस महकमे के एक बडे अधिकारी समय समय पर किसी न किसी तरीके से तबादलो को लेकर अपनी बात शासन व हाई लेवल तक पंहुचाते है लेकिन कोई बहुत गंभीरता से इसे नही ले रहा है। जानकारों की मानें तो रेंज स्तर पर तबादलों को लेकर सबसे ज्यादा एक बडे अधिकारी चिंतित है लेकिन चतुर्थ तल से लेकर गृह व कार्मिक विभाग में सभी जिम्मेदारों को पूरी खबर है। तबादले तैनाती सरकार का विषय है वो कभी भी आदेश जारी कर सकती है खबर सचिवालय में चर्चाओं के आधार पर है