प्रदेश के तीन लाख राजकीय कर्मचारी व पेंशनरों समेत उनके आश्रितों को मिलाकर 10 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने पहले चरण में कर्मचारियों व पेंशनरों के कार्ड बनाने शुरू कर दिए हैं। कार्ड बनाने के लिए 30 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि कैशलेस इलाज का लाभ कर्मचारियों व पेंशनरों को तभी मिलेगा, जब उनके गोल्डन कार्ड बन जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सभी विभागों से कर्मचारियों व पेंशनरों का डाटा एकत्र कर लिया है। पहले चरण में जिला कलेक्ट्रेट, विकास भवन, कोषागार व पुलिस लाइन में कर्मचारियों व पेंशनरों के कार्ड बनाए जा रहे हैं। कार्ड बनाने का काम 14 एजेंसियां के माध्यम से किया जा रहा है। 15 दिसंबर के बाद अन्य विभागों में भी गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे।